बामड़ा में श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाई गई भाई जिउतिया

शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी पर पश्चिम ओडिशा के घर-घर में श्रद्धा व भक्ति के साथ भाई जिउतिया का त्योहार मनाया गया। पूजा पंडालों में मां दुर्गा के आह्वान के साथ भाई जिउतिया की पूजा की गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 07:00 AM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 07:00 AM (IST)
बामड़ा में श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाई गई भाई जिउतिया
बामड़ा में श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाई गई भाई जिउतिया

संसू, बामड़ा : शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी पर पश्चिम ओडिशा के घर-घर में श्रद्धा व भक्ति के साथ भाई जिउतिया का त्योहार मनाया गया। पूजा पंडालों में मां दुर्गा के आह्वान के साथ भाई जिउतिया की पूजा की गई। महिलाओं व युवतियों ने भाइयों के लिए मंगलकामना कर दिन भर निर्जला उपवास रखा। शाम में नए वस्त्र धारण कर पूजा सामग्री के साथ पूजा पंडालों में पहुंची। इसके अलावा विभिन्न जगहों पर सामूहिक रूप से भाई जिउतिया की पूजा की। बहनों ने मां दुर्गा को धान लाई से बने जुगार समेत विभिन्न प्रकार के फल-फूल अर्पित किए। साथ ही मां की स्तुति कर पूजा की। इससे पूर्व बुधवार की सुबह बहनों ने भाइयों को फूल व चंदन लगाकर आरती की। इसके बाद वंदन कर भाइयों के लिए मंगलकामना की और उपवास समाप्त किया। भाई जिउतिया के त्योहार पर सभी उम्र की महिलाएं अपने मायके आती हैं। बामड़ा अंचल में श्रद्धा व भक्ति के साथ की गई कन्या पूजा : बामड़ा समेत पूरे अनुमंडल में घर-घर में मां दुर्गा की स्थापना कर शारदीय नवरात्र श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाई जाती है। एकम तिथि से कलश स्थापना और जौ रोपण के साथ पूजा शुरू होती है। सुबह व शाम में पूजा अर्चना के साथ-साथ मां को भोग भोग अर्पित कर आरती की जाती है। अष्टमी तिथि पर कुंवारी कन्याओं को न्योता देकर घर बुलाया जाता है। उनके पैर पर आलता लगाया जाता है। खीर-पूड़ी व हलवा का प्रसाद खिलाया जाता है। कन्याओं को यथोचित उपहार प्रदान कर विदा किया जाता है। कई श्रद्धालु नवमी तिथि पर भी कन्या पूजन करते हैं।

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