किडनी मरीजों का गांव बना तरइकेला, बड़े-बुजुर्ग से लेकर छोेटे बच्चे भी इसकी चपेट में

Kidney disease अोडिशा का तरइकेला गांव अब किडनी मरीजों का गांव बन चुका है बड़े-बुजुर्ग से लेकर छोेटे बच्चे किडनी से संबंधित रोगों से पीड़ित हैं।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 08:40 AM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 08:40 AM (IST)
किडनी मरीजों का गांव बना तरइकेला, बड़े-बुजुर्ग से लेकर छोेटे बच्चे भी इसकी चपेट में
किडनी मरीजों का गांव बना तरइकेला, बड़े-बुजुर्ग से लेकर छोेटे बच्चे भी इसकी चपेट में

झारसुगुड़ा, जेएनएन। जिले के कोलाबिरा ब्लॉक के कोलाबिरा पंचायत का तरइकेला गांव किडनी मरीजों का गांव बन गया है। यहां महिला-पुरुष व बड़े-बुजुर्ग से लेकर छोेटे बच्चे भी इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। आलम यह है कि विगत चार साल में इस गांव के 12 लोगों की मौत किडनी की बीमारी से हो चुकी है। जबकि वर्तमान 15 से ज्यादा लोग इस बीमारी से आक्रांत होकर जिंदगी व मौत के बीच फंसे हैं। 

गांव के लोगों के अनुसार, अब तक गांव के खयरा पशायत, मंगरा बाग, पवित्र प्रधान, ईश्वर मांझी, सुखा पारेख, सदानन्द मांझी, रखो कुम्हार, रोहित मांझी, मुनी शंकर मांझी, अश्विनी सिंग नायक व जमुना बगर्ती की मौत किडनी बीमारी से बीते चार साल में हो चुकी है। जबकि गांव के दुख पशायत, बृषभ बाग, बेदमति धुरवा,जेमा पिंडाई, मनोज विजार व जानकी चंदेल समेत अन्य 15 ग्रामीण इससे पीड़ित हैं। पीड़ित दुख पशायत ने बताया कि यह बीमारी गांव में फैलने का कारण जानने के लिए नलकूप व पीने के पानी की जांच की व्यवस्था की मांग कई बार हो चुकी है। 

मैंने अपनी 20 साल की बेटी को इस बीमारी के कारण खो दिया है। इस दिशा में प्रशासन को ध्यान देना चाहिये ताकि इस बीमारी से हो रही मौतों को रोका जा सके।

-उर्वशी पारिख, ग्रामीण। 

किडनी की बीमारी से मेरे दो भाइयों की मौत हो चुकी है। प्रशासन को इसकी रोकथाम करने के लिए प्रभावी पहल करने की जरूरत है। 

- केशव सिंह, ग्रामीण।

बीमारी ने मेरी मां छीन ली है। मैं स्वयं भी इस बीमारी से पीड़ित होकर इलाज पर काफी धन खर्च कर चुका है। लेकिन अब तो इलाज के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं। 

- वृषभ बाग, ग्रामीण।

अंतत: प्रशासन ने ली सुध, डॉक्टर पहुंचे

तइरकेला गांव में किडनी की बीमारी से लोगों की लगातार मौतों के बाद प्रशासन अब जागा है। सीडीएमओ डॉ. डोलामणि पटेल की देखरेख में डॉक्टरों की टीम गांव जाकर पीड़ितों की जांच करने समेत इसका कारण खोजने का प्रयास शुरू कर दिया गया है। डॉक्टर रत्नाकर चौधरी के अनुसार, चार लोगों की जांच करने पर दो लोग किडनी बीमारी से पीड़ित पाए गए। पांच स्थानों से पानी का नमूना संग्रह कर जांच के लिए भेजा गया है। हमें पहले इसकी जानकारी नहीं थी। पता चलने के बाद टीम के साथ यहां पहुंचकर जांच की जा रही है। पीड़ितों का समुचित इलाज करने में कोई कसर नहीं छोेड़ी जाएगी।

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