कट ऑफ डेट का निर्धारण कर विस्थापितों की समस्या का करें समाधान : रजनीकांत

विस्थापितों की समस्याओं के लिए बनी विधानसभा गृह कमेटी के अध्यक्ष रजनीकांत सिंह ने विस्थापितों से मिलने के बाद समीक्षा बैठक की। बनहरपाली स्थित ओपीजीसी के सम्मेलन कक्ष में कमेटी के अध्यक्ष रजनीकांत सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कमेटी के सदस्यों ने विस्थापितों की वास्तविक स्थिति व उनकी समस्याओं पर चर्चा की।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 06:00 AM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 06:00 AM (IST)
कट ऑफ डेट का निर्धारण कर विस्थापितों की समस्या का करें समाधान : रजनीकांत
कट ऑफ डेट का निर्धारण कर विस्थापितों की समस्या का करें समाधान : रजनीकांत

संसू, ब्रजराजनगर : विस्थापितों की समस्याओं के लिए बनी विधानसभा गृह कमेटी के अध्यक्ष रजनीकांत सिंह ने विस्थापितों से मिलने के बाद समीक्षा बैठक की। बनहरपाली स्थित ओपीजीसी के सम्मेलन कक्ष में कमेटी के अध्यक्ष रजनीकांत सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कमेटी के सदस्यों ने विस्थापितों की वास्तविक स्थिति व उनकी समस्याओं पर चर्चा की। साथ विस्थापितों की दुर्दशा के लिए एमसीएल की कार्यशैली पर सवाल उठाए। लखनपुर खुली खदान के लिए 8 गांव व बेलपहाड़ खदान के लिए 6 गांवों को समस्याओं से घिरे होने की बात कही। रजनीकांत सिंह ने कोयला विभाग के नियमों के तहत कट ऑफ डेट का निर्धारण कर एमसीएल के अधिकारियों को निर्देश दिया कि विस्थापितों की समस्याओं का शीघ्र समाधान करें। कमेटी के सदस्यों ने यह भी कहा कि एक कंपनी होने के बाद भी तालचेर व ईब कोयलांचल में अलग-अलग नियम हैं। विधायक किशोर महंती ने कहा कि एमसीएल की इसी दोमुंही नीति के कारण यहां के विस्थापित सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं। उन्होंने नियुक्ति के मामले में बाहरी राज्य के लोगों को प्राथमिकता दिए जाने का आरोप भी लगाया। बैठक में ओपीजीसी के विस्थापितों पर कोई चर्चा नहीं हुई। समीक्षा बैठक में झारसुगुड़ा जिलाधीश सरोज कुमार सामल, उपजिलाधीश शिव टोप्पो, अतिरिक्त जिलाधीश अलोमणि सेठी समेत एमसीएल व ओपीजीसी के उच्चाधिकारी उपस्थित थे। विस्थापितों के दर्द का लिया जायजा : ओडिशा विधानसभा के उपाध्यक्ष व विधानसभा गृह कमेटी के अध्यक्ष रजनीकांत सिंह के नेतृत्व में झारसुगुड़ा जिला के गश्त पर आई कमेटी के सदस्यों ने एमसीएल के लखनपुर क्षेत्र की कोयला खदानों का दौरा किया। इस क्रम में उन्होंने कोयला खदानों से प्रभावित गांवों का दौरा कर विस्थापितों के दुख-दर्द का प्रत्यक्ष जायजा लिया। उन्होंने विस्थापितों के लिए मिरधाडेरा, खैरकुनी, टिगीसमाल, दरलीपाली के विस्थापितों के लिए खड़ाम व उबुड़ा में बनाए गए पुनर्वास केंद्रों का भी दौरा किया। इस दौरान वहां रह रहे विस्थापितों को हो रही तकलीफों की जानकारी भी ली। इस क्रम में विस्थापित गांव दरलीपाली के विस्थापितों ने कमेटी के अध्यक्ष रजनीकांत सिंह से मिलकर उन्हें कोयला खदान के कारण हो रही समस्याओं की जानकारी दी। इस कारण होने वाले वायु व जल प्रदूषण के अलावा खदानों में होने वाले भयावह विस्फोटों से आतंकित रहने की बात कही। साथ ही विस्थापितों ने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन भी सौंपा। इस दौरान स्थानीय विधायक किशोर महंती, लखनपुर खदान विस्थापित संग्राम समिति के अध्यक्ष बिरंचि साहू, सलाहकार गोपीनाथ माझी, सुरेश त्रिपाठी, सरोज छछान, संजीत प्रधान, नरेश खमारी, प्रमोद गड़तिया, सांसद प्रतिनिधि रघुनंदन पंडा, दरलीपाली के गोविंद कराली, राजू रोहिदास, आमोद ओराम, धरिन्द्री किसान, माधवी सिंह, सुरेश सिंह, ममता ओराम, सेवती ओराम तथा सस्मिता किसान इत्यादि उपस्थित थे।

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