टेबल टेनिस के दीवाने हैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर लोकनाथ बाघ

सुंदरगढ़ और झारसुगुड़ा जिले के सीमा से सटे आदिवासी बहुल बामड़ा ब्लॉक जहां खेल का मतलब होता है क्रिकेटफुटबाल और हॉकी। पिछले कुछ वर्षों में युवापीढ़ी में क्रिकेट के प्रति जबरदस्त रुचि बढ़ी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 07:00 AM (IST)
टेबल टेनिस के दीवाने हैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर लोकनाथ बाघ
टेबल टेनिस के दीवाने हैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर लोकनाथ बाघ

ज्योति लाठ, बामड़ा

सुंदरगढ़ और झारसुगुड़ा जिले के सीमा से सटे आदिवासी बहुल बामड़ा ब्लॉक जहां खेल का मतलब होता है क्रिकेट,फुटबाल और हॉकी। पिछले कुछ वर्षों में युवापीढ़ी में क्रिकेट के प्रति जबरदस्त रुचि बढ़ी है। ऐसी परिस्थिति में टेबल टेनिस जैसे खेल को ग्रामीण युवाओं के बीच पैठ जमाने का विचार सोच से परे है। बामड़ा प्रखंड उचकापाट पंचायत केछुपानी गांव के खूंटला बाघ के बेटे इंजीनियर लोकनाथ बाघ(46) गांव में प्राथमिक शिख्या पूरी कर गांव के हाई स्कूल से मैट्रिक परिख्या 80 प्रतिशत अंक से ज्यादा हासिल कर पास हुए थे। भुवनेश्वर बिजेबी कालेज से प्लस 2 की पढ़ाई पूरी कर राउरकेला इंजीनियरिग कालेज (वर्तमान में एनआइटी, राउरकेला) से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाईमें प्रथम स्थान हासिल कर 1997 में पूरा किया था। 1998 से 2004 तक भारतीय रेल में वरिष्ठ इंजीनियर के तौर पर कोलकाता और फिर दिल्ली में कार्य करने के पश्चात रेलवे की नौकरी छोड़ कर बंगलुरु के मल्टीनेशनल कंपनी में 2018 तक काम किया था। बंगलुरु में नौकरी के दौरान शारीरिक फिटनेस बनाए रखने को टेबल टेनिस खेलते थे। टेबल टेनिस खेल से उनको लगाव हो गया था। लोकनाथ ने कंपनी की नौकरी छोड़ गांव लौट आए और टेबल टेनिस को ग्रामीण युवाओं को सीखाने का मन बना लिया। लोकनाथ ने जनवरी 2020 में अपने घर के तीन छोटे कमरों को तोड़ कर एक टेबल टेनिस रूम बनाया और ऑनलाइन माध्यम से टेबल टेनिस बोर्ड और अन्य उपकरण मंगाए थे। उनके साथ टेबल टेनिस खेलने वाला गांव में कोई नही था। गांव के युवाओं को बुलाने पर भी खेलने नहीं आते थे। लोकनाथ ने गांव के कुछ युवक और युवतियों को टेबल टेनिस खेलने को पॉकेट मनी देना शुरू किया, जिसकी लालच में युवा टेबल टेनिस खेलने आने लगे। छह महीने तक यह सिलसिला चलता रहा। गांव के युवा जब खेल सीक गए तो उन्हें भी टेबल टेनिस खेलने में मजा आने लगा। वे खुद सुबह-शाम प्रैक्टिस के लिए पहुंचने लगे। गांव के छात्र, बच्चे और मजदूरी करने वाले युवक-युवती भी टेबल टेनिस खेलने जुटने लगे। वर्तमान में गांव के सात से लेकर 26 साल के 25 युवा और बच्चे नियमित रूप से टेबल टेनिस का प्रैक्टिस करने आते हैं। इसी बीच लोकनाथ ने झारसुगुड़ा जिले के तपगुंजा गांव में भी टेबल टेनिस बोर्ड और अन्य सुविधाएं मुहैया कराकर टेबल टेनिस क्लब बनाया। इस गांव में लड़कियां नियमित रूप से टेबल टेनिस का प्रैक्टिस करती हैं। लोकनाथ की टीम को कटक स्थित स्टेट टेबल टेनिस एसोसिएशन की ओर से खेल प्रदर्शन करने का बुलावा मिला है। केछुपानी गांव के राजू बाघ (25), प्रेमचंद बाघ (26), जयनारायण बाघ (21), पंकज बाघ (19), लाला बाघ (17), धरणी बाघ (13), विमल बाघ (18), दीप्ति बाघ (15), नेहा बाघ (17), गंजूडीही गांव की जुड़वा बहन गीता लेहरी (15) और सीता लेहरी (15) समेत अन्य ने खेल में माहरथ हासिल कर ली है। ये सभी आदिवासी युवा हैं। लोकनाथ ने बताया कि पहले मैंने खेलना सीखा और फिर लोगों को सीखाने में सक्षम बना। ये युवा भी नए युवाओं को सीखा सकते हैं। लोकनाथ ने दो बार बामड़ा ब्लॉक प्रखंड अधिकारी गोविंद सक्सेना, ब्लॉक चेयरमैन समेत अन्य अधिकारियों के समक्ष प्रदर्शन मैच कर ग्रामीण युवाओं की प्रतिभा को दिखाया था। बीडीओ ने टेबल टेनिस गेम को बढ़ावा देने के लिए छोटा इंडोर हॉल बनाने का वादा किया था, परंतु वादा वादा ही बन कर रह गया। लोकनाथ ने कुचिंडा विधायक किशोरचंद्र नायक से भी विधायक फंड से अनुसांगिक सुविधा उपलब्ध कराने की गुहार लगाई थी। गंजूडीही की जुड़वां बहनें सीता और गीता प्रतिदिन सुबह-शाम तीन घंटे प्रैक्टिस करती है और स्टेट की ओर से टेबल टेनिस में खेलने का लक्ष्य रखा है। केछुपानी के पंकज, राजू, जयनारायण, प्रेमचंद भी कड़ी मेहनत कर रहे हैं। लोकनाथ ने भरोसा जताया है किइन खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलने पर राज्य के साथ-साथ देश का नाम रोशन करेंगे। लोकनाथ ने कहा कि मैं टेबल टेनिस का खेल गांव के घर-घर तक पहुंचना चाहता हूं। लोकनाथ अपनी इस मुहिम को सफल बनाने के लिए सरकार, सामाजिक संस्था, खेल संगठन और आम लोगों से सहयोग करने की अपील की है।

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