नियुक्ति की मांग को लेकर ठेका कंपनी का काम बंद कराया
एमसीएल की कोयला खदानों से प्रभावित बेलपहाड़ नगरपालिका क्षेत्र के छुआलीबेरना गांव के निवासियों ने स्थानीय लोगों की नियुक्ति की मांग करते हुए शुक्रवार को ठेका कंपनी नीलकंठ माइनिग के कार्यालय के समक्ष विरोध-प्रदार्शन करते हुए धरना दिया एवं ठेका कंपनी का कामकाज ठप करा दिया।
संसू, ब्रजराजनगर : एमसीएल की कोयला खदानों से प्रभावित बेलपहाड़ नगरपालिका क्षेत्र के छुआलीबेरना गांव के निवासियों ने स्थानीय लोगों की नियुक्ति की मांग करते हुए शुक्रवार को ठेका कंपनी नीलकंठ माइनिग के कार्यालय के समक्ष विरोध-प्रदार्शन करते हुए धरना दिया एवं ठेका कंपनी का कामकाज ठप करा दिया। अतीत में किये गए आंदोलन के उपरांत जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद ठेका कंपनी द्वारा गांव के 18 लोगों को एक अप्रैल से नौकरी प्रदान की थी। इसके बाद भी गांव के अनेक शिक्षित युवक-युवतियां नौकरी पाने से वंचित हैं तथा अतीत में आंदोलन के उपरांत कंपनी ने उन्हें नौकरी देने का आश्वासन दिया था जिससे आंदोलन समाप्त हो गया था। लेकिन आश्वसान पूरा न करने पर शुक्रवार को उन्हें पुन: आंदोलनात्मक रुख अख्तियार करना पड़ा है। उत्तेजित ग्रामीणों ने कंपनी द्वारा किए जाने वाले कोयला खदानों से जुड़े सभी कार्यो को बंद करा दिया है। सूचना पाकर एमसीएल की लजकुरा खुली खदान के प्रबंधक चित्तरंजन पति, ओवर बर्डन अधिकारी महंत साहू, ब्रजराजनगर थाना प्रभारी नलिता मोदी इत्यादि ने घटनास्थल पर पहुंचकर आंदोलनकारियों को समझाया। लेकिन ग्रामीणों ने अपनी जिद पर अडिग रहते हुए कहा कि अगर उन्हें नौकरी नहीं मिली तो इलाके से खनन कार्य नहीं होने दिया जाएगा। भविष्य में आंदोलन को और अधिक उग्र करने की चेतावनी भी उन्होंने दी है। ज्ञात हो कि छुअलीबेरना गांव से कुछ ही दूरी पर लजकुरा खुली खदान के संप्रसारण के लिए 2016 में नोटिस जारी करने के उपरांत 2019 में जमीन के बाबत मुआवजा प्रदान करने का नोटिस जारी किया गया था। गांव के करीब 800 परिवारों में से अधिकांश की जमीन एमसीएल द्वारा अधिग्रहीत की गई है । गांव की रैयत जमीन के अलावा जंगल जमीन को मिलाकर कुल 727 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई है। गांव के नजदीक ही होने वाली भारी ब्लास्टिंग की वजह से ग्रामवासी हर दम भयभीत तथा आतंकित रहते हैं। फिलहाल एमसीएल द्वारा खदान की मिट्टी काटने तथा ओवर बर्डन हटाने के लिए नीलकंठ माइनिग नामक ठेका संस्था को नियोजित किया है धरना देने वालों में शामिल गुनमणि साहू, भुवन भैंसाल, भागीरथी साहू, ललित मोहन साहू, जयराम प्रधान, झसकेतन बूड़ा, आनंद खमारी, राजा राणा, प्रमोदिनी साहू, हितेश सा, आशीष साहू, उर्वशी सा, जयंती प्रधान, मंजू प्रधान, नीलिमा साहू इत्यादि ग्रामीणों का कहना है कि अगर ठेका कंपनी ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया एवं स्थानीय लोगों को नियुक्ति नहीं दी तो आंदोलन को और अधिक उग्र किया जाएगा ।