सानजोब के हनुमान मंदिर का रत्नकुंभ उत्सव संपन्न

नगर के सानजोब इलाके में नव निर्मित हनुमान मंदिर का रत्नकुंभ उत्सव विधि-विधान से आध्यात्मिक वातावरण में सोमवार को संपन्न हुआ। आसपास के श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में कुंभ में सोने चांदी विभिन्न प्रकार की धातु मुद्रा धान चावल इत्यादि पूरे मनोयोग से डाला।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 08:00 AM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 08:00 AM (IST)
सानजोब के हनुमान मंदिर का रत्नकुंभ उत्सव संपन्न
सानजोब के हनुमान मंदिर का रत्नकुंभ उत्सव संपन्न

संसू, ब्रजराजनगर : नगर के सानजोब इलाके में नव निर्मित हनुमान मंदिर का रत्नकुंभ उत्सव विधि-विधान से आध्यात्मिक वातावरण में सोमवार को संपन्न हुआ। आसपास के श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में कुंभ में सोने, चांदी, विभिन्न प्रकार की धातु, मुद्रा, धान, चावल इत्यादि पूरे मनोयोग से डाला। इस अवसर पर आयोजित पूजा में झसकेतन प्रधान तथा मंजू प्रधान ने कर्ता का दायित्व निभाया। पंडित अशोक कुमार उपाध्याय ने विधि विधान से पूजा संपन्न कराया। आसपास की कीर्तन मंडलियों द्वारा जारी संकीर्तन के बीच श्रद्धालुओं ने कुंभ भरने के बाद बजरंग बली का आशीर्वाद ग्रहण किया तथा प्रसाद सेवन किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में शैलेन्द्र प्रधान, सुरथ साहू, निर्मल प्रधान, दीपक प्रधान अमर पांडे, निमाई प्रधान इत्यादि का अहम योगदान रहा। केंद्रीय मंत्री ने किया प्रसिद्ध झाडे़श्वर पीठ का दर्शन : उड़ान दिवस के अवसर पर झारसुगुड़ा विमानतल पहुंचे केंद्रीय वेसमारिक विमान चलाचल मंत्री ज्योतिरादित्य सिधिया ने अपने अभिभाषण में झारसुगुड़ा तथा पश्चिम ओडिशा को प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक, दर्शनीय व धार्मिक स्थानों से भरपूर कहा था। उन्होंने अपने अभिभाषण में शिवपीठ कोयली घोघर के जलप्रताप, उलापगड़ की ऐतिहासिक गुफा, व्रिक्रमखोल के ऐतिहासिक शिल्प लिपी, कोलाबीरा दुर्ग सहित अंचल के प्रसिद्ध शक्तिपीठ झाडे़श्वर मंदिर आदि को प्रमुखता से स्थान दिया था। इस ऐतिहासिक माटी के प्रति उनका लगाव व श्रद्धा है। उन्होंने स्वाधीनता संग्राम में झारसुगुड़ा की माटी के योगदान, वीर सुरेन्द्र साय के बलिदान, इस माटी की समृद्ध कला व संस्कृति, विश्व प्रसिद्ध संबलपुरी वस्त्र का आकर्षण व बंधकला शिल्प एवं बुनकरों के प्रति सम्मान जताया। साथ ही उड़ान योजना में झारसुगुड़ा वीर सुरेन्द्र साय विमानतल को देश में प्रथम बनाने के लिए झारसुगुड़ा वासियों के प्रति आभार प्रकट किया। इसके बाद वे बिना किसी पूर्व कार्यक्रम के अचानक बाबा झाडे़श्वर मंदिर पहुंचे और महादेव के दर्शन के साथ-साथ पुजा-अर्चना भी की।

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