आश्वासन के बाद कनकतोरा में किसान आंदोलन समाप्त
लखनपुर प्रखंड के कनकतोरा में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 49 पर धान की बिक्री की मांग को लेकर सड़क पर हजारों बोरा धान रखकर पिछले पांच दिनों से जारी किसान आंदोलन शनिवार की शाम को समाप्त हो गया। समस्याओं के समाधान का लिखित आश्वासन प्रशासन से मिलने के बाद किसानों ने आंदोलन समाप्त किया।
संसू, ब्रजराजनगर : लखनपुर प्रखंड के कनकतोरा में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 49 पर धान की बिक्री की मांग को लेकर सड़क पर हजारों बोरा धान रखकर पिछले पांच दिनों से जारी किसान आंदोलन शनिवार की शाम को समाप्त हो गया। समस्याओं के समाधान का लिखित आश्वासन प्रशासन से मिलने के बाद किसानों ने आंदोलन समाप्त किया। आंदोलन समाप्ति के बाद किसान नेताओ ने कहा की अगर प्रशासन अपने वादों पर खरा नहीं उतरा तो आंदोलन को और तीव्रता से पुन: शुरू किया जाएगा। शाम को आंदोलनस्थल पर लखनपुर तहसीलदार विश्वकेसन पांडे, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी रमेश चंद्र स्वाई, एआरसीएसओ पंचानन साहू, एसीएसओ विधुर चंद्र बांछर तथा रेंगाली थाना प्रभारी सारंगधर पाणिग्राही इत्यादि प्रशासनिक अधिकारियों ने आंदोलनरत किसानों को समझाया कि राज्य सरकार को किसानों की समस्याओं से अवगत कराया गया है। सरकार भी सभी पंजीकृत किसानों का धान चरणबद्ध तरीके से खरीदने को तैयार है। इन्होंने बताया कि इलाके की चारपाली, रेमता तथा कनकतोरा समवाय सेवा समितियों का धान खरीदी का लक्ष्य पूरा हो जाने की वजह से सरकार द्वारा शीघ्र ही नया लक्ष्य निर्धारित करते ही धान खरीदी पुन: प्रारंभ हो जाएगी । जिन किसानों के टोकन की अवधि समाप्त हो गई है उन्हें नया टोकन दिए जाने की व्यवस्था भी किये जाने की जानकारी उन्होंने दी। बाद में इन अधिकारियों द्वारा लिखित आश्वासन देने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया।
इससे पूर्व आदोलनस्थल पर अयोध्या प्रसाद चैनी की अध्यक्षता में किसानों की महापंचायत का आयोजन किया गया था। इसमें किसान नेता बिरंचि साहू, सुरेश त्रिपाठी, सनत सिंह, रघुनंदन पंडा, द्वितीय भौई, तपन पाटजोशी, उली कल्यारी, विराट बिश्वाल, ब्रजमोहन कल्यारी, पुष्पांजलि बाग, कालीचरण मेहेर, अनिल बारीक, पूर्णचन्द्र बेहेरा, उपेंद्र बिस्वाल, हेमसागर कुमरा इत्यादि सेंकडो किसानों ने अपनी उपस्तिति दर्ज की । महापंचायत में प्रशासन से चारपाली समिति में 15 हजार क्विटल, कनकतोरा समिति में 13 हजार क्विटल तथा रेमता सेवा समिति में 17 हजार क्विटल धान की शीघ्र खरीदी समेत अन्य मांगों को पूरा करने की मांग प्रशासन से की गई थी । ज्ञात हो की इलाके के सभी राजनीतिक दलों का समर्थन भी इस आंदोलन को प्राप्त था।