झारसुगुड़ा इंजीनियरिग स्कूल में अब एसी खरीद में अनियमितता

झारसुगुड़ा इंजीनियरिग स्कूल में विभिन्न सामग्री की खरीदी में हुई व्यापक अनियमितता की पोल खुलने लगी है। बीते सप्ताह गैरकानूनी रूप से पेड़ काटे जाने के मामले में स्कूल के एक अध्यापक को गिरफ्तार किए जाने के बाद से स्कूल चर्चा में है। और अब तय मूल्य से दो गुणा अधिक मूल्य में एसी के खरीदे जाने का मामला सामने आया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 09:01 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 09:01 PM (IST)
झारसुगुड़ा इंजीनियरिग स्कूल में  अब एसी खरीद में अनियमितता
झारसुगुड़ा इंजीनियरिग स्कूल में अब एसी खरीद में अनियमितता

संसू, झारसुगुड़ा : झारसुगुड़ा इंजीनियरिग स्कूल में विभिन्न सामग्री की खरीदी में हुई व्यापक अनियमितता की पोल खुलने लगी है। बीते सप्ताह गैरकानूनी रूप से पेड़ काटे जाने के मामले में स्कूल के एक अध्यापक को गिरफ्तार किए जाने के बाद से स्कूल चर्चा में है। और अब तय मूल्य से दो गुणा अधिक मूल्य में एसी के खरीदे जाने का मामला सामने आया है। शिकायतकर्ता सत्यनारायण राव के अनुसार स्कूल के विभिन्न विभाग के लिए कुल आठ एसी (शीत ताप नियतंत्र यत्र) की खरीदी की गई थी। गत वर्ष 16 मार्च को स्कूल के नए कंप्यूटर लैब के लिए चार व प्रशासनिक विभाग के लिए चार एसी खरीदी गई थी। नियम अनुसार सरकारी संस्था में एक क्रय कमेटी होती है, जो कि एक निर्दिष्ट प्रक्रिया में खरीदी करती है। मगर यहां ऐसा नहीं किया गया और करिअर कंपनी के मीडियम मॉडल की दो टन की स्पिलट एसी को मूल्य से दो गुणा में खरीदा गया। एक एसी के पीछे 40,701 रुपये अधिक दिए गए। इसी तरह कुल आठ एसी के लिए 3,25,608 रुपये अधिक दिया गया है। एसी के लिए केरियर कंपनी का आठ स्टेबलाइजर खरीदी में भी 11976 रुपये अधिक दिए गए थे। अन्य सामग्री में भी हुए व्यापक अनियमितता की निष्पक्ष जांच के लिए सत्यनारायण राव ने लोकायुक्त व व्यवसायिक शिक्षा निर्देशक से लिखित रूप से मांग की है।

वही इसतरह के लगाए जा रहे आरोपों के बारे में जब इंजीनियरिग स्कूल की अध्यक्ष प्रगति दास से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसा संभव नहीं है। उक्त सामग्री हमने नहीं खरीदी है जब इसकी खरीदारी की गई तो शटडाउन के कारण दुकान और बाजार बंद थे। स्कूल के कम्प्यूटर रूम में नियमित कार्य व आनलाइन परीक्षा के लिए यह जरुरी था। लकडाउन व शटडाउन के कारण टेंडर करना भी सभंव नही था। इसीलिए कोविड हास्पिटल मे काम कर रहे पीडब्ल्यूडी विभाग से बात कर यह खरीदी हुई थी

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