पूजा पंडालों के पट खुले, देवी दुर्गा ने दिए भक्तों को दर्शन
जेएनएन झारसुगुड़ा ब्रजराजनगर कोरोना संक्रमण के बीच शुक्रवार को झारसुगुड़ा व ब्रजरानग
जेएनएन, झारसुगुड़ा, ब्रजराजनगर : कोरोना संक्रमण के बीच शुक्रवार को झारसुगुड़ा व ब्रजरानगर जिले के पूजा पंडालों के पट खुलने के साथ ही देवी दुर्गा ने भक्तों को दर्शन दिए। पूजा कमेटियों ने कोरोना गाइडलाइन का पालन किया है। दोनों ही शहर में बड़े-बड़े पंडालों की जगह केवल छोटे मंडप व बड़ी प्रतिमाओं की जगह मात्र चार फुट की प्रतिमाएं स्थापित की गई है। पंडालों की ना तो साज सज्जा हुई है और ना ही बिजली कि सजावट की गई है। कोविड नियम के तहत पंडाल में पुजारी सहित मात्र सात लोग ही अंदर रह सकते है और भक्तों को भी मां के दर्शन के लिए भीड़ लगाने की अनुमति नही है। पूजा पंडालों में शारीरिक दूरी, सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। साथ ही पुलिस बल को भी तैनात किया गया है। झारसुगुड़ा के प्रसिद्ध मां कनक दुर्गा मंदिर (स्टेशनचौक), मां कनक दुर्गा पुजा, श्री सिघवाहनी, पुराना बस्ती, बेहरामाल, सरबाहल, नागेंन्द स्मृति टाउन दुर्गा पूजा कमेटी, चौकी पारा, तेलीभाटा, रेल्वे कॉलोनी समेत अन्य स्थानों में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जा रही है।
इधर, ब्रजराजनगर के 25 पंडालों में दुर्गा पूजा महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इनमें से 17 पूजा पंडाल ब्रजराजनगर के सदर थाना तथा आठ पंडाल ओरिएंट थाना क्षेत्र में आते है। इनके अलावा जिले की अधिष्ठात्री देवी मां रामचंडी पीठ, मां ब्रजेश्वरी मंदिर तथा ग्वालपाड़ा स्थित दुर्गा मंदिर व दुर्गानगर के दुर्गा मंदिर एवम मां तारिणी मंदिर के पट खुल गए। कोविड महामारी को लेकर सरकार द्वारा लगाई पाबंदियों के चलते पंडालों में मामूली भीड़ है। बता दें गांधी चौक की दुर्गा पूजा आकर्षण का केंद्र रहती है लेकिन इस वर्ष सादगीपूर्ण माहौल में पूजा हो रही है। गांधी चौक में शेखर खमारी ने सपत्नी कर्ता का दायित्व निभाया एवं प्रदीप मिश्र ने विधि-विधान से पूजा कराई। पूजा कमेटी के अध्यक्ष शेषदेव साहू, सचिव जयदेव प्रधान तथा कोषाध्यक्ष बडपंडा भी मौजूद रहे। इसी तरह नगर के ईएसआई चौक में ललित मोहन मिश्र तथा अक्षय मिश्र ने सपत्नी कर्ता का दायित्व निभाया। पंडित गगन बिहारी मिश्र ने पूजा कार्य सम्पन्न कराया । इसी तरह राजपुर, बुंदिया, बूढ़ीजाम, हिल टॉप कॉलोनी, मंडलिया, रामपुर, तेलेनपाली समेत बेलपहाड़ के फाटक, गोमाडेरा तथा लखनपुर प्रखंड के गांवों में पूजा हो रही है।