कोलाबीरा में बैल यात्रा संपन्न

कोलाबीरा अंचल की ईष्ट देवी मां दक्षिण काली का दशहरा कोविड गाइडलाइन के तहत संपन्न हुआ। महासप्तमी के दिन मां की पीठ पर दशहरा पूजा विधिवत शुरू हुई थी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 08:00 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 08:00 AM (IST)
कोलाबीरा में बैल यात्रा संपन्न
कोलाबीरा में बैल यात्रा संपन्न

संसू, झारसुगुगुड़ा : कोलाबीरा अंचल की ईष्ट देवी मां दक्षिण काली का दशहरा कोविड गाइडलाइन के तहत संपन्न हुआ। महासप्तमी के दिन मां की पीठ पर दशहरा पूजा विधिवत शुरू हुई थी। महाअष्टमी व महानवमी के दिन स्वतंत्र पूजा के बाद दशमी को होमयज्ञ व पूर्णाहुति के बाद गुप्त बलि के साथ पूजा-अर्चना की गई। मध्य रात्रि के बाद देवी के वाहन बरुआ के शरीर में दिव्य शक्ति संचालित होने के बाद भक्तों ने मां का प्रत्यक्ष दर्शन किया। अविभाजित संबलपुर जिले की प्राचीन परंपरानुसार जयपुर स्टेट (कोलाबीरा) की आधात्री देवी सहलाई के प्रति लोगों की श्रद्धा है। निरंतर कई वर्षों से मां की पीठ पर निष्ठा व भक्ति के साथ बैल यात्रा का आयोजन होता आ रहा है, जो वर्तमान में कला व संस्कृति की परिचय बन गई है। सैंकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा पर पिछले दो वर्षो से कोरोना महामारी ने थोड़ा अंकुश लगा दिया था। हालांकि इस वर्ष कोविड गाइडलाइन के तहत इसमें थोड़ा परिवर्तन किया गया। सहलेश्वरी मंदिर की जगह मां दक्षिणकाली की पीठ पर सभी कार्यक्रम आयोजित किए गए। अमावस्या के दिन उनका अंश बैरल हुआ था। उसके बाद कर्ता, बरुआ, पुरोहित व सेवायतों ने रीति-रिवाज के साथ कार्यक्रम संपन्न कराया। समापन के दिन बरुआ ने व्रत कर देवी को उठाया। बरुआ के रूप में योगी योगेन्द्र राय ने देवी का भरण किया। पूरे गांव का भ्रमण कर लोगों को आशीर्वाद व वरदान दिया। जमींदार के वंशज रुद्र प्रताप सिघ, राज पुरोहित प्रदुमय, पूजा विजय आदि ने पूजा कार्य संपन्न कराया था। वहीं प्रफुल पाणिग्रही ने चंडी पाठ किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में पूजा कमेटी के सभी सदस्यों ने अथक प्रयास किया था।

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