Indian Railway: रेलवे के निजीकरण से भारत में बढ़ जाएगी बेरोजगारी, ये सुविधायें भी हो जाएगी बंद

Indian Railway रेलवे के निजीकरण के निर्णय से रेलवे कर्मचारी सदमे में हैं पाटशानी के अनुसार ऐसा होने पर वरिष्‍ठ नागरिक एवं दिव्‍यांगों को मिलने वाली सुविधा भी बंद हो जाएगी।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Mon, 21 Sep 2020 09:43 AM (IST) Updated:Mon, 21 Sep 2020 09:43 AM (IST)
Indian Railway: रेलवे के निजीकरण से भारत में बढ़ जाएगी बेरोजगारी, ये सुविधायें भी हो जाएगी बंद
Indian Railway: रेलवे के निजीकरण से भारत में बढ़ जाएगी बेरोजगारी, ये सुविधायें भी हो जाएगी बंद

कटक, जागरण संवाददाता। भारत सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से समाज के गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों पर काफी असर पड़ सकता है। भारत सरकार ने 109 ट्रेनों का निजीकरण करने का फैसला लिया है। रेलवे कर्मचारी सदमे है। देश भर में रेलवे के विभिन्न विभागों में करीब दो लाख रिक्त पद है। ऐसा कहना है श्रीमान पी के पाटशानी, ईस्ट कोस्ट रेलवे श्रमिक संघ के महासचिव तथा उपाध्यक्ष आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन है। उन्होंने कटक श्रमिक संघ कार्यालय, रेलवे परिसर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा । उन्होंने कहा कि रेलवे का निजीकरण होने से वरिष्ठ नागरिक एवं दिव्‍यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं होगी। 

 नन पेंशन स्कीम के अंतर्गत काम करने वाले रेलवे कर्मचारी को अपनी नौकरी छोड़नी पड़ेगी। किराया भी दिनों के आधार पर निर्धारित किया जाएगा। ओडिशा में भी कुछ ट्रेनों को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि रेलवे, पेनटृटी, बेडरोल इत्यादि को निजीकरण कर चुकी हैं। अब रेलवे के परिचालन को निजीकरण करने की शुरूआत हो रही है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को हमारा संघ विरोध करता है। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्रमिक संघ के डिविजनल डिप्टी कोर्डिनेटर सावयशाची सारंगी, कटक शाखा के सचिव विपिन सिंह आदि उपस्थित थे।

रेलवे के निजीकरण को लेकर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव का कहना है कि उन्हें अपने रूट पर किराया फिक्स करने की इजाजत और आजादी होगी। हालांकि अलग-अलग रूट पर एसी बस और प्लेन की सुविधा भी मौजूद होती है। ऐसे में किराया तय करने से पहले इन बातों का खयाल रखना जरूरी है।

रेल किराये की बात इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत में रेल किराया एक राजनीतिक मुद्दा रहा है। गरीब लोगों के लिए रेलवे परिवहन का सबसे बड़ा साधन है। ऐसे में अगर निजी कंपनियां खुद किराया तय करेंगी तो उसका क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी। रेलवे के निजीकरण की बात करें तो जुलाई माह में 109 ओरिजिन डेस्टिनेशन के लिए 151 प्राइवेट रेलों के लिए रेलवे ने निजी कंपनियों से आवेदन मांगा था। इस रेस में जीएमआर इन्फ्रा और अडाणी एंटरप्राइजेज जैसी कंपनियां शामिल हैं। 

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