सुनवाई के समय नेकबैंड ना पहनने पर वकील पर ओडिशा हाईकोर्ट ने लगाया जुर्माना
वर्चुअल सुनवाई के दौरान नेकबैंड न पहनने पर ओडिशा हाइकोर्ट ने वकील पर जुर्माना लगाया है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन वेलफेयर फंड से यह रुपया जमा करने के लिए कोर्ट ने निर्देश दिया है। कोविड लॉकडाउन होने के बाद से कोर्ट वर्चुअल सुनवाई कर रही है।
कटक, जागरण संवाददाता। हर पेशे में पोशाक पहनने का एक निर्धारित नियम होता है। यहां तक कि कई पेशे तो ऐसे होते हैं जिनमें पोशाक देखकर ही पेशे का पता चल जाता है। उसी तरह से वकील जो पोशाक पहनते हैं उसे लेकर एडवोकेट एक्ट 1961 सेक्शन 49 (1) (डीजी) में उल्लेख है। इसमें वकीलों के लिए सफेद शर्ट, काला कोट तथा सफेद नेकबैंड पहनने का नियम है।
सुनवाई के समय नेकबैंड ना पहनने वाले एक वकील को ओडिशा हाईकोर्ट ने 500 रुपए का जुर्माना लगाया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग अर्थात वर्चुअल सुनवाई के समय वकील ने नेकबैंड नहीं पहना हुआ था। ऐसे में हाईकोर्ट ने 15 फरवरी को संपृक्त वकील को जुर्माना देने के लिए निर्देश दिया है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन वेलफेयर फंड से यह रुपया जमा करने के लिए कोर्ट ने निर्देश दिया है।
हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एसके पाणीग्राही ने वकील पर जुर्माना लगाया है। जस्टिस ने कहा है कि वकालत पेशा प्रकृति के अनुसार महान एवं पोशाक के द्वारा परिपूर्ण होती है। एक वकील के मुताबिक अदालत के वर्चुअल सुनवाई के समय निश्चित पोशाक पहनना उचित होने की बात निर्देश में कहा गया है।
पिछले साल मार्च महीने में कोविड लॉकडाउन होने के बाद हाई कोर्ट वर्चुअल माध्यम से मामले की सुनवाई कर रही है। 26 मार्च से सीमित संख्या में न्यायाधीश हाई कोर्ट मुख्य न्यायाधीश के रोस्टर के अनुसार वर्चुअल सुनवाई कर रहे हैं। वर्चुअल सुनवाई के समय हाईकोर्ट ब्लॉक कोर्ट या गाउन को अलग कर दिया था। सफेद शर्ट या सफेद साड़ी के साथ सफेद नेकबैंड पहनने को कहा था।
उसी तरह से पिछले सितंबर महीने में हाईकोर्ट ने असंतोष जाहिर किया था। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के समय बेसिक डेकोरम मेंटेन के लिए राज्य बार काउंसिल तथा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को कहा था। घर के बदले वकील कार के अंदर रहकर मामले में अपना पक्ष रखने को हाईकोर्ट ने कहा था।