Coronavirus : कोरेाना संक्रमण से ज्‍यादा इस महामारी के भय से जा रही है लोगों की जान

Coronavirus कोरोना संक्रमण से ज्यादा साढ़े तीन महीने में कोरोना के भय से गई लोगों की जान एससीबी मेडिकल में साढ़े तीन महीने में अन्य बीमारी से पीड़ित 3 हजार लोगों ने तोड़ा दम।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 03:34 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 03:34 PM (IST)
Coronavirus : कोरेाना संक्रमण से ज्‍यादा इस महामारी के भय से जा रही है लोगों की जान
Coronavirus : कोरेाना संक्रमण से ज्‍यादा इस महामारी के भय से जा रही है लोगों की जान

कटक, जागरण संवादाता। कोविड-19 के कारण जारी लॉकडाउन के दौरान पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण से जितनी लोगों की मौत हुई है, उससे कई गुना ज्यादा लोगों की मौत अकेले एससीबी मेडिकल में कोरोना के खौफ के कारण हुई है। जानकारी के मुताबिक साढ़े तीन महीने के लॉकडाउन के दौरान एससीबी मेडिकल में दूसरी बीमारी से पीड़ित 3 हजार लोगों ने दम तोड़ दिया है। इन लोगों के मृत्यु के पीछे का कारण कोरोना भय को माना गया है। क्योंकि कोरोना के भय के कारण विभिन्न गम्भीर बीमारी से पीड़ित लोग अपना इलाज कराने अस्पताल नहीं गए और जब अस्पताल पहुंचे तब तक उनकी हालत इतनी बिगड़ गई थी कि उन्हें बचाना मुश्किल हो गया। 

जानकारी के मुताबिक अनेकों पुराने मरीज जिनका नियमित इलाज चल रहा था वे कोरोना के भय से एससीबी मेडिकल में इलाज के लिए नहीं आ रहे हैं। हालांकि कितने पुराने मरीज इलाज के लिए नहीं आ रहे हैं, उसका तथ्य किसी के पास नहीं है, मगर पिछले साढ़े तीन महीने में 3 हजार से अधिक मरीज की मौत एससीबी मेडिकल में हुई है। 

वहीं दूसरी तरफ एससीबी मेडिकल में खोले जाने वाले कोरोना आईसोलेशन वार्ड में 2 महीने में लगभग 40 लोगों की मृत्यु हुई है। किसी का वेंटिलेटर में इलाज चल रहा था और जीवन चला गया तो और कुछ मरीज भर्ती होने के आधे घंटे बाद ही दम तोड़ दिए। मरीज आईसोलेशन में भर्ती होने से कोरोना रिपोर्ट को आधार कर मृत्यु का कारण खोजा जा रहा है। हालांकि यदि इन मरीजों को कोरोना नहीं हुआ था तो फिर इन्हें स्वाइन फ्लू या फिर डेंगू हुआ था क्या, उसकी जांच के लिए कोई भी परीक्षण नहीं किया जा रहा है। केवल कोरोना परीक्षण कर मरीज के शव को छोड़ दिया जा रहा है। 

 अस्पताल में मरीज कम मृतकों की बढ़ी संख्या 

सूचना के मुताबिक कोरोना की स्थिति दिन-प्रतिदिन संगीन होती जा रही है। मार्च के अंतिम सप्ताह में सरकार ने लाकडाउन घोषित कर आवागमन व्यवस्था को ठप कर दिया। अब धीरे-धीरे प्रतिबंध में सरकार ढिलाही दे रही है। एससीबी मेडकल का तथ्य कह रहा है कि कोरोना के कारण एससीबी में आने वाले मरीजों की संख्या पहले की तरह नहीं है और पहले की तुलना में मृत्यु संख्या में भी कमी आयी है। हालांकि हकीकत यह कि अस्पताल में मरीज कम आ रहे हैं मृतकों की संख्या बढ़ रही है। 

कोरोना के भय से मरीजों के इलाज  में देरी    

 एससीबी के तथ्य के मुताबिक मार्च महीने में 925, अप्रैल महीने में 669, मई महीने में 675 एवं जून महीने में 700 लोगों की मौत कटक एसीबी मेडिकल के विभिन्न विभाग में हुई है। कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना के भय से मरीज इलाज के लिए देरी आ रहे हैं, ऐसे में उनका समय से एवं सही ढंग से इलाज नहीं हो पा रहा है। वहीं दूसरी तरफ नेफ्रोलोजी विभाग कमें पहले से मरीजों की संख्या जितनी थी, उसकी तुलना में मरीजों की संख्या बढ़ी है। यहां तक कि विभिन्न निजी अस्पतालों से भी मरीज डायलिसिस के लिए एससीबी मेडिकल में आ रहे हैं। 

डायलिसिस के लिए नहीं आ रहे हैं मरीज 

हालांकि मेडिकल में जो पहले से डायलिसिस के लिए मरीज आ रहे थे वे पिछले तीन महीने से नहीं आ रहे हैं। वहीं नए मरीजों की संख्या बढ़ रही है। कितनी संख्या में पुराने मरीज डायलिसिस के लिए नहीं आ रहे हैं उसका तथ्य नहीं मिल पाया है। केवल इस एक ही ​विभाग में ही नहीं बल्कि हृदयरोग, न्यूरोसर्जरी, एंडोक्रोनोलाजी, हेपाटोलाजी आदि विभिन्न विभाग में अनेक पुराने मरीज एससीबी में इलाज के लिए नहीं आ रहे हैं, मगर विभिन्न निजी अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या यहां बढ़ गई है। 

प्रतिबंध हटाने से बढ़ी मरीजों की संख्‍या 

अब कोरोना का प्रतिबंध हटाए जाने के बाद से जिस प्रकार से दिन प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है, उससे विपत्ति भी बढ़ने लगी है। हाटस्पाट जोन से आउटडोर को आने वाले मरीज को लेकर डाक्टर चिंता में पड़ गए हैं। बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज मिलने से यहां आने वाले किस मरीज के शरीर में कोरोना है, वह पता नहीं चल रहा है। इसके अलावा अस्पताल में व्यक्तिगत दुराव भी नहीं देखा जा रहा है ऐसे में कोरोना संक्रमण की सम्भावना अधिक हो गई है। दो दिन पहले ही न्यूरोसर्जरी वार्ड से एक कोरोना संक्रमित मरीज की पहचान हुई थी। इससे पहले भी स्त्री एवं प्रसूति विभाग से एक को कोरोना संक्रमित पाया गया था।

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