संयुक्त डॉक्टर संघ ने कहा गैर ओडिया डॉक्टर चयन प्रक्रिया हो बंद, नहीं तो होगा आंदोलन
गैर ओडिया डॉक्टरों को मौका दिए जाने को लेकर एससीबी मेडिकल कॉलेज के विभिन्न डॉक्टर संघ की ओर से विरोध किया गया है। संघ ने कहा है कि ऐसा न होने हेतु राज्य के कई डॉक्टरी छात्रों को कार्य करने का मौका नहीं मिल पा रहा है।
कटक, जागरण संवाददाता। ओपीएससी द्वारा राज्य में डॉक्टर पदवी भरने के लिए राज्य बाहर के गैर ओडिया डॉक्टरों को मौका दिए जाने के निर्णय को एससीबी मेडिकल कॉलेज के विभिन्न डॉक्टर संघ की ओर से विरोध किया गया है। मेडिकल के पुराने ऑडिटोरियम में छात्र संघ की ओर से आयोजित पत्रकार सम्मेलन में संघ की ओर से यह आरोप लगाया गया है कि, हाल ही में ओपीएससी की ओर से वर्ष 2020-21 में खाली पढ़ने वाली 2452 असिस्टेंट सर्जन पदवी के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया है। इन पदवियों में से मात्र 633 पदवी गैर आरक्षित प्रार्थियों के लिए है जबकि इस में साधारण वर्ग के प्रार्थियों की संख्या काफी कम है। केवल आरक्षण की पदवी अक्सर खाली रहती है। आवश्यक पड़ने पर उन पदवियों को आम वर्ग के प्रार्थियों को लेकर नियुक्त किया जाए, संघ ने यह मांग की है।
संघ ने कहा है कि ऐसा न होने हेतु राज्य के कई डॉक्टरी छात्रों को कार्य करने का मौका नहीं मिल पा रहा है। उन्हें मजबूरन राज्य के बाहर जाना पड़ता है। अभी राज्य के 30 जिलों में 600 डॉक्टर आडहक के तहत अस्थाई तौर पर कार्य कर रहे हैं। हर साल 1300 डाक्टरी छात्र हाउसमेनशिप कर डॉक्टरी पेशे से जुड़ने के लिए इंतजार कर रहे हैं। केवल इसी साल से इसी वर्ग से 1900 चयन प्रक्रिया में शामिल होने के लिए योग्य हैं। ठीक इसी तरह दांत विभाग के डॉक्टरों के क्षेत्र में भी अवस्था समान है।
वर्ष 2018 में ओपीएससी की ओर से डॉक्टरी पदवी भरने के लिए विज्ञापन प्रकाशित की गई थी। लेकिन पिछले 2 सालों से विज्ञापन नहीं निकला है।इस साल 82 पदवियों के लिए विज्ञापन निकला गया है। जिनमें से साधारण वर्ग के लिए मात्र 8 पदवी है। वर्तमान हर साल 1750 एमबीबीएस छात्र छात्रा पास कर रहे हैं। ऐसे में निकट भविष्य में सुंदरगड, पूरी, तालचेर, कंधमाल आदि जगहों पर होने वाली मेडिकल कॉलेज के चलते 2250 जरूरत पड़ेगी। इसलिए राज्य में गैर ओड़िया डॉक्टर चयन प्रक्रिया के लिए लिए जाने वाले निर्णय को अगर परिवर्तन नहीं किया गया तो राज्य के मेडिकल छात्र छात्राओं में बेरोजगारी समस्या बढ़ेगी।
अगर सरकार ने इन मांगों पर गौर नहीं किया तो आने वाले दिनों में मजबूरन डॉक्टरी संघ ने आंदोलन पर उतरने की चेतावनी भी दी है। कोरोना महामारी के चलते इस साल हाउसमेनशिप करने वाले छात्र-छात्राओं को भी ओपीएससी अनुमोदित पदवियों के लिए आवेदन करने के लिए भी उन्हें मौका दिया जाए। यह निवेदन भी सरकार को इस पत्रकार सम्मेलन की के जरिए संघ की और से की गई है। इस पत्रकार सम्मेलन में रेजीडेंट डॉक्टर संघ के अध्यक्ष डॉ हरमोहन बारिक, हाउस सर्जन डॉक्टर संघ के अध्यक्ष डॉ दीपक कुमार सामल, यूजी डॉक्टर संघ के अध्यक्ष डॉ विश्वजीत मालिक, पी जी संघ के अध्यक्ष रामचंद्र साहू, पूर्व महासचिव डॉ जयप्रकाश परिडा प्रमुख मौजूद थे।