आंदोलनकारी वकीलों पर अवमानना का मामला दर्ज
ओडिशा विचार विभागीय इतिहास में एक नया पन्ना जुड़ गया है। राज्य के वकीलों के आंदोलन पर हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए अदालत अवमानना का मामला दर्ज किया है।
जासं, कटक : ओडिशा विचार विभागीय इतिहास में एक नया पन्ना जुड़ गया है। राज्य के वकीलों की ओर से विभिन्न समय पर आंदोलन एवं कोर्ट बायकाट मुद्दे पर हाईकोर्ट ने स्वत. संज्ञान लेते हुए अदालत अवमानना का मामला दर्ज किया है। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन समेत राज्य के विभिन्न बार के सदस्य विभिन्न समय पर कोर्ट बायकाट कर आंदोलन शुरू कर देते है। इसे लेकर हाईकोर्ट ने अपनी ओर से अदालत अवमानना का मामला दर्ज कर सुनवाई शुरू की है। ओडिशा हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार ऐसा घटना घटी है। इसके चलते ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश समेत 14 न्यायाधीशों को लेकर फुल बेंच लगी थी। यह 14 सदस्यीय खंडपीठ अदालत अवमानना मामले की सुनवाई कर रही है। प्राथमिक सुनवाई कर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, सचिव समेत राज्य के कुल 68 बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं सचिव को मिलाकर कुल 136 को आरोपित किया है। इन तमाम बार संघ समेत राज्य प्रमुख सचिव, गृह सचिव, कानून सचिव, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष, ओडिशा बार काउंसिल के अध्यक्ष आदि को मामले में आरोपित करते हुए सभी को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। हाईकोर्ट के रजिस्टार जनरल की ओर से दायर अदालत अवमानना मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस के एस जवेरी एवं अन्य 13 न्यायाधीश कर रहे हैं। आगामी 21 अक्टूबर के पहले सभी नोटिस का जवाब पेश करेंगे और उसी दिन मामले की अगली सुनवाई होगी।
उल्लेखनीय है कि व्यवस्था का विरोध कर ओडिशा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के वकील आंदोलन छेड़ते हुए न्यायाधीश की अदालत का बायकाट करते आ रहे थे। इसी तरह पश्चिम ओडिशा में हाईकोर्ट की स्थाई बेंच की मांग करते हुए लंबे अरसे से आंदोलन चलाते आ रहे हैं। इससे अदालती कामकाज में असर पड़ा है।