हाईकोर्ट पहुंचा मां दुर्गा मूर्ति का ऊंचाई विवाद: परंपरा के तहत मूर्ति निर्माण के लिए याचिका में अनुरोध

मां दुर्गा की मूर्ति को लेकर उठा विवाद हाइकोर्ट में पहुंच गया है। पूजा कमेटी ने मूर्ति ऊंचाई के लिए लगी पाबंदी को विरोध करते हुए हाईकोर्ट में एक रिट पिटिशन दाखिल की है।याचिका में यह दर्शाया गया है कि 4 फीट की ऊंचाई वाली मूर्ति स्वीकार योग्य नहीं है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 01:34 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 01:34 PM (IST)
हाईकोर्ट पहुंचा मां दुर्गा मूर्ति का ऊंचाई विवाद: परंपरा के तहत मूर्ति निर्माण के लिए याचिका में अनुरोध
हाईकोर्ट में पहुंचा मां दुर्गा मूर्ति का ऊंचाई विवाद

कटक, जागरण संवाददाता। अगले महीने दुर्गा पूजा है। ऐसे में मूर्ति निर्माण को लेकर चलने वाला विवाद अब हाईकोर्ट में पहुंच गया है। बालू बाजार पूजा कमेटी की ओर से मूर्ति ऊंचाई के लिए लगी पाबंदी को विरोध करते हुए हाईकोर्ट में एक रिट पिटिशन दाखिल की गई है। कमेटी के सचिव रमेश चंद्र बेहेरा की ओर से दायर इस याचिका में यह दर्शाया गया है कि, 4 फीट की ऊंचाई वाली मूर्ति स्वीकार योग्य नहीं है। हर एक पूजा कमेटी की भांति वाली बाजार पूजा कमेटी की भी प्राचीन पूजा परंपरा है और उसी के अनुसार पिछले 500 सालों से पूजा की जा रही है। परंपरा के तहत मूर्ति निर्माण कर यहां पर पूजा की जा रही है।

कई सालों से मां दुर्गा और तमाम देंगे देवी देवताओं की सोने चांदी के जेवरात सजावट से पूजा की जा रही है। करीब 8 फीट की ऊंचाई से निर्माण होने वाली मूर्ति में इन सब जेवरात को लगाया जाता है। अतीत में जब भी किसी तरह की समस्या आयी है। उस समय भी परंपरा में बदलाव नहीं किया गया है या उसे तोड़ा नहीं गया है। अब ऐसे में अब कैसे उसे तोड़ा जाएगा, उसे याचिका में दर्शाया गया है। पिछले साल भी मूर्ति की ऊंचाई को लेकर सरकार की ओर से पाबंदी लगायी गयी था और उसे चुनौती देते हुए बालू बाजार पूजा कमेटी हाईकोर्ट में पहुंची थी। परंपरा के तहत मूर्ति निर्माण कर पूजा करने के लिए पूजा कमेटी को हाईकोर्ट की ओर से इजाजत दी गई थी। इस साल की बसंती दुर्गा पूजा के दौरान परंपरा के तहत 8 फीट की मूर्ति ऊंचाई निर्माण कर पूजा-अर्चना की गई थी।

अब कोरोना का संक्रमण में काफी सुधार आया है यह बात सरकार ने स्वीकार की है। जिसके चलते पाबंदियों में ढील दी गई है। ऐसी स्थिति में मूर्ति की ऊंचाई पर पाबंदी लगाना सही नहीं है। कोरोना को रोकने के लिए सरकार की ओर से जारी की जाने वाली दूसरे तमाम नियमों को पालन करने के लिए पूजा पंडाल तैयार हैं, यह याचिकाकर्ता ने दर्शाया है। इस मामले में राज्य प्रमुख शासन सचिव, स्वतंत्र रिलीफ कमिश्नर को पक्ष बनाया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील पितांबर आचार्य, वकील सूर्यकांत संगानेरिया,वकील अनिरुद्ध संगानेरिया प्रमुख मामला संचालन कर रहे है।

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