Reliance Jio Tower लगवाने के नाम पर ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश, गैंग का सरगना पहले से ही जेल में बंद

साइबर ठग गिरोह के दो सदस्यों कोलकाता से गिरफ्तार गिरोह का सरगना पहले से ही कोलकाता दमदम जेल में बंद है। ठग गिरोह के पास से पुलिस ने 25 लाख 70 हजार 300 रुपये बरामद किए। ओडिशा में पहली बार साइबर अपराधी गिरोह से बरामद हुई है इतनी बड़ी नकदी।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Fri, 09 Jul 2021 02:19 PM (IST) Updated:Fri, 09 Jul 2021 02:23 PM (IST)
Reliance Jio Tower लगवाने के नाम पर ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश, गैंग का सरगना पहले से ही जेल में बंद
देश में ठगी करने वाले साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश

कटक, जागरण संवाददाता। रिलायंस जियो टॉवर लगवाने से लाखों रुपए मिलने का लालच देकर पूरे देश में ठगी करने वाले साइबर ठग गिरोह का कटक कमिश्नरेट पुलिस ने पर्दाफाश किया है। जानकारी के मुताबिक जगतपुर के एक युवक से करीब 40 लाख रुपए ठगी करने वाले इस गैंग के 2 सदस्यों को पुलिस कोलकाता से दबोचने में सफल हुई है। इस गैंग का सरगना अभय तिवारी इन दिनों कोलकाता की दमदम जेल में कैद है। गिरफ्तार होने वाले दोनों आरोपी पश्चिम बंगाल के हैं। 

 कटक डीसीपी के साइबर सेल और जगतपुर थाना पुलिस ने इन दोनों को गिरफ्तार किया है। जल्द ही गैंग के सरगना अभय तिवारी को पुलिस रिमांड में लाकर पूछताछ करने की योजना बनायी है। इस ठग गैंग के पास से पुलिस 25 लाख 70 हजार 300 रुपये बरामद किया है। इतनी बड़ी मात्रा में रुपए साइबर अपराधी के गैंग से बरामद होना ओडिशा में पहली ऐसी घटना माना जा रहा है। पुलिस कमिश्नर सौमेंद्र प्रियदर्शी और कटक डीसीपी प्रतीक सिंह ने गुरुवार अपराह्न को डीसीपी कार्यालय में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में पूरे घटना के बारे में जानकारी दी।

जिसके मुताबिक, जगतपुर नजरपुर में रहने वाले बालेश्वर सोरों इलाके का दिलीप कुमार साहू के मोबाइल फोन को 2019 दिसंबर 12 तारीख को एक फोन कॉल आया था। फोन करने वाला शख्स खुद को जियो का मुख्य कार्यालय का नोडल ऑफिसर के तौर पर परिचय दिया था। अपने जमीन पर जिओ टावर लगवाने के लिए वह दिलीप को कहा। इसके चलते उससे 20 लाख रुपए की सिक्योरिटी रकम, महीना भी 20 हजार रुपए के हिसाब से भाड़ा और परिवार के एक सदस्य को 15 हजार के हिसाब से नौकरी देने का झांसा दिया गया।

ट्राई और जिओ कंपनी से दिलीप के पास नियमित रूप से टावर लगवाने के लिए चिट्ठी आ रही थी। हालांकि वह सब चिट्ठी नकली थी, जो कि दिलीप को पता नहीं था। काफी समझाने के बाद दिलीप को जिओ के नोडल ऑफिसर कहलाने वाला शख्स मना लिया और बाद में दिलीप के पास से टावर निर्माण से पहले विभिन्न फीस के तौर पर 39 लाख 11 हजार 870 रुपए ले लिया। रुपए को लेने के बाद भी टावर लगवाने के लिए जब तरह-तरह के बहाना बनाने लगा तो दिलीप को संदेह हुआ जिसके बाद वह पिछले जून महीने की 4 तारीख को जगतपुर थाने में एक मामला दर्ज किया और उससे पहले कटक डीसीपी से भेंट कर इस बारे में पूरी जानकारी दी।

डीसीपी ऑफिस में मौजूद साइबर सेल की इंस्पेक्टर रेणुबाला त्रिपाठी, जगतपुर थाना इंस्पेक्टर रवींद्रनाथ मेहर, कैंटोनमेंट थाना अधिकारी दीनकृष्णा मिश्र, एसीपी अमरेंद्र पंडा, अजय दास प्रमुख की अगुवाई में टीम का गठन किया गया था। इस घटना की जांच से यह बात पता चला कि कोलकाता के सॉल्टलेक में यह कंपनी चल रही है। जब वहां पर छापेमारी की गई तो पता चला कि एक आलीशान दफ्तर में यह सब ठगी का कार्य चल रहा है। वहां पर करीब 250 कर्मचारी काम भी कर रहे हैं। जब ठग गैंग के चेयरमैन को खोजा गया तो पता चला कि ठग गिरोह का सरगना बिहार का अभय तिवारी है जो कि गिरफ्तार होकर इन दिनों दमदम जेल में कैद है। छापेमारी में वहां से 25 लाख 70 हजार 300 रुपए बरामद किया गया है, जो कि दिलीप को लौटाया गया है।

इसके अलावा कई सामान, एक कीमती कार, 4 एक्टिवेटेड मोबाइल सिम, 2 लैपटॉप, 7 चेक बुक, 3 कीमती मोबाइल फोन, 5 एटीएम कार्ड, 15 बैंक पासबुक को पुलिस ने बरामद किया है। वह इस्तेमाल करने वाले तमाम कीमती चीजें ठगी के रुपए से खरीदा गया था। यह बात पुलिस जांच पड़ताल के बाद जान पाई है। इस गिरोह के सरगना अभय तिवारी को रिमांड में लाने के लिए कोलकाता बिधाननगर एसडीजेएम कोर्ट में याचिका दायर किया है कमिश्नरेट पुलिस ने। इस गैंग के बारे में अधिक जानकारी जुटाने के लिए कमिश्नरेट पुलिस को यदि बाहर राज्य को जाने की जरूरत पड़ेगी तो पुलिस इसके लिए भी तैयारी कर रही है।

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