कटक/कानपुर, जाटी। उत्तर प्रदेश के कानपुर से आकर ओडिशा में एटीएम से लूटपाट करने वाले एक गिरोह के चार लुटेरों को कटक पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर इन लुटेरों को कटक जिले के मधुपटना थाना अंतर्गत नुआपाड़ा इलाके से एटीएम लूटने की साजिश रचते हुए गिरफ्तार किया। पूछताछ में लुटेरों ने बताया है कि उनका गिरोह उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, बंगाल आदि राज्यों में सक्रिय है। पुलिस को इसके कुछ साक्ष्य भी मिले हैं। पकड़े गए लुटेरों के पास से 22 एटीएम कार्ड, 38 हजार 500 रुपये नकद, पांच मोबाइल फोन, एक कार, गैस कटर आदि बरामद किए गए हैैं। पकड़े गए सभी आरोपितों की उम्र 24 से 34 वर्ष के बीच है। पुलिस के अनुसार इनमें एक एमबीए तथा दो बीबीए के छात्र हैैं, जबकि एक आरोपित ग्रेजुएट है।
एक आरोपित के खिलाफ कानपुर में दर्ज हैं हत्या के प्रयास के तीन मामले
पकड़े गए सभी आरोपित कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र के हैैं। इनमें कानपुर के शिवकटरा निवासी राजबहादुर सिंह यादव का पुत्र दिवाकांत यादव, पटेल नगर निवासी विश्व मोहन त्रिपाठी का पुत्र सुनील त्रिपाठी न्यू आजाद नगर सतबरी रोड राजकुमार बाजपेयी का पुत्र अमन बाजपेयी पुत्र व सतबरी रोड के ही रामहर्ष दुबे का पुत्र हिमांशु दुबे शामिल है। दिवाकांत व अमन बीबीए और सुनील एमबीए का छात्र है, जबकि हिमांशु दुबे ग्रेजुएट है।
चकेरी के थाना प्रभारी दधिबल तिवारी ने बताया कि आरोपित अमन बाजपेयी उर्फ रिक्की पर 2018 से 2021 के बीच चकेरी थाने में हत्या के प्रयास के तीन और एक मारपीट का मुकदमा दर्ज है। अन्य तीनों आरोपित भी चकेरी थानाक्षेत्र के रहने वाले हैं। उनके बारे में भी जानकारियां जुटाई जा रही हैं।
ऐसे देते थे घटना को अंजाम
पकड़े गए लुटेरे गूगल मैप के सहारे सुनसान इलाके में मौजूद एटीएम की तलाश करते थे और उसे गैस कटर से काट कर रुपये निकाल लेते थे। कटक के एसीपी ने बताया कि लेबर कालोनी स्थित मैदान में रविवार की देर रात ये लुटेरे नुआपाड़ा चौक स्थित एचडीएफसी बैंक की एटीएम लूट की साजिश रच रहे थे। इसी बीच पुलिस ने छापेमारी कर चारो को दबोच लिया, जबकि एक भाग निकला।
परिचितों का खाता खुलवाकर उनके एटीएम कार्ड से भी करते थे ठगी
कटक पुलिस के अनुसार ये लुटेरे अपने रिश्तेदार, गांव के लोगों व बेरोजगार युवाओं के नाम पर बैंक में खाता खुलवाते थे। इसके बाद उन्हें धोखे में रखकर उनका एटीएम कार्ड अपने पास रख लेते थे और समय-समय पर उससे पैसे की निकासी कर लिया करते थे। कई बार ये तकनीकी जानकारी का उपयोग कर ट्रांजेक्शन फेल कराने के बाद कंप्लेन कर बैैंक को चूना लगाकर गलत तरीके से पैसे हासिल करने की कोशिश कर चुके थे। पुलिस की पूछताछ में इनसे कई और जानकारियां मिलने की उम्मीद है।