नकली Co-Win App से लूट रहे हैं साइबर लुटेरे, लोगों से सतर्क रहने की अपील

Co-Win App for vaccination नकली एप्लीकेशन वैक्‍सीन रजिस्टर अब मोबाइल से मोबाइल घूम रहा है जिसे देखते हुए टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन या स्लॉट बुकिंग के लिए समस्या होने से इस नकली एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर तुरंत टीकाकरण के लिए भरोसा दिया जा रहा है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Sat, 29 May 2021 03:19 PM (IST) Updated:Sat, 29 May 2021 03:19 PM (IST)
नकली Co-Win App से लूट रहे हैं साइबर लुटेरे, लोगों से सतर्क रहने की अपील
आरोग्य सेतु और को-विन एप के जरिए टीकाकरण के लिए पंजीकरण व्यवस्था की गई है।

कटक, जागरण संवाददाता। केंद्र सरकार के को-विन एप्लीकेशन की भांति दिखने वाली नकली एप्लीकेशन वैक्‍सीन रजिस्टर अब मोबाइल से मोबाइल घूम रहा है। टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन या स्लॉट बुकिंग के लिए समस्या होने से इस नकली एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर तुरंत टीकाकरण के लिए भरोसा दिया जा रहा है। यह एप्लीकेशन मोबाइल में डाउनलोड होने के बाद लोगों के बैंक संबंधित तमाम गुप्त सूचना मोबाइल से साइबर अपराधी चोरी कर रहे हैं। 

ऐसे संवेदनशील घटना के बारे में शहरवासियों को सतर्क रहने के लिए कमिश्नरेट पुलिस ने अपील की है । इस तरह की एप्लीकेशन को मोबाइल में डाउनलोड ना करने के लिए लोगों को सलाह दी गई है। प्राप्त सूचना के मुताबिक, केंद्र सरकार की ओर से आरोग्य सेतु और को-विन एप के जरिए टीकाकरण के लिए पंजीकरण व्यवस्था की गई है। इसके अलावा दूसरे किसी भी एप्लीकेशन के माध्यम से टीकाकरण के लिए पंजीकरण यानी रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा सकेगा। लेकिन अब शहर में टीकाकरण जैसे समस्या सभी की चिंता को बढ़ा दिया है। एक और जहां संक्रमण बढ़ रहा है वहीं दूसरी ओर स्लॉट मिलने में काफी दिक्कतें आ रही है। ऐसे में साइबर अपराधी इसी मौके का फायदा उठाने की फिराक में है।

साइबर अपराधी लोगों को तुरंत टीकाकरण के लिए स्लॉट बुकिंग संबंधित लिंक भेज रहे हैं। इस लिंक में क्लिक करते ही मोबाइल में वैक्सीन रजिस्टर एप डाउनलोड हो जाता है। टीकाकरण संबंधित पंजीकरण के लिए निजी तौर पर तमाम जानकारी देने के लिए कहा जाता है। तुरंत टीकाकरण के लिए राशि भी जमा करने के लिए कहा जा रहा है। लेकिन असल में इसमें किसी भी तरह की टीकाकरण की व्यवस्था नहीं है। अगर कोई एप्लीकेशन को डाउनलोड करता है तो उनके मोबाइल से तमाम जानकारी चोरी कर ले रहे हैं अपराधी। ऑनलाइन के माध्यम से रुपए भेजते समय मोबाइल से बैंक का नाम से लेकर पासवर्ड भी चोरी हो जाता है। कोरोना के दौरान ही कमिश्नरेट पुलिस साइबर अपराधियों से 3 लाख 72 हजार 589 रुपए वापस लाने में सफल हुई है।

किसी भी तरह की अज्ञान लिंक में ना जाना और बैंक के बारे में भी किसी भी तरह की जानकारी ना देने के लिए लोगों सलाह दी है कमिश्नरेट पुलिस ने। अगर ऐसा कुछ हुआ तो तुरंत कमिश्नरेट पुलिस के साइबर सेल को अवगत कराने के लिए भी सलाह दी गई है। पुलिस की ओर से यह भी साफ किया गया है कि, टीकाकरण के लिए सरकार की ओर से किसी भी तरह का फोन नहीं आता है। ना ही बैंक के बारे में किसी भी तरह की सूचना मांगी जाती है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने के लिए पुलिस की और से अपील की गई है।

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