कोरोना से मां-बाप को गवाने वाली नाबालिग के अभिभावक बने कटक जिलाधीश: भूख से तड़प रही थी बच्‍ची

मात्र 12 दिन के अंतर पर माता-पिता के कोरोना संक्रमण से देहांत के बाद 15 वर्षीय नाबालिग बच्‍ची का कटक के जिलाधीश ने गोद लिया है। ये बच्‍ची भी संक्रमित थी और किराये के घर में भूख से तड़प रही थी।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Mon, 07 Jun 2021 04:55 PM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 04:55 PM (IST)
कोरोना से मां-बाप को गवाने वाली नाबालिग के अभिभावक बने कटक जिलाधीश: भूख से तड़प रही थी बच्‍ची
कटक के जिलाधीश अब इस नाबालिग का अभिभावक बने हैं।

कटक, जागरण संवाददाता। कोरोना में पिता की मौत के 12 दिन बाद मां भी दुनिया से रुखसत हुई। चंद दिनों में मां-बाप दुनिया से चले जाने के बाद एक 15 साल की बच्ची लावारिस हो गई। वह खुद भी कोरोना पॉजिटिव होकर एक किराए के घर पर भूख के मारे तड़प रही थी। सगे संबंधी कोई भी उसके पास नहीं आए, ना उसे किसी ने खाना खिलाया। ऐसा एक दर्दनाक घटना के बारे में चाइल्ड लाइन को खबर मिलते ही चाइल्डलाइन की टीम वहां पहुंचकर नाबालिग का उद्धार किया है।

सरकार के निर्देशानुसार कटक के जिलाधीश अब इस नाबालिग का अभिभावक बने हैं। केंद्र सरकार की घोषणा के बाद कटक जिला में यह पहली घटना होने की बात जिला प्रशासन की ओर से सूचना मिली है। सूचना के मुताबिक, चौद्वार थाना अंतर्गत विराट बाजार गौड़ साही में किराए पर रहने वाले नारायण चंद्र विश्वाल और उनके पत्नी सरोजिनी विश्वाल की मौत कोरोना में 12 दिन के अंतर में हो गई। उनकी इकलौती बेटी भी कोरोना पॉजिटिव होकर जिंदगी से जूझ रही थी।

5 जून को सतीचौरा श्मशान में सरोजिनी का अंतिम संस्कार किया गया और उनकी बेटी घर वापस लौट गई। लेकिन कोई भी सगे संबंधी इस बच्ची के पास नहीं आए। घर पर भूख के मारे बिलख रही थी कि तभी इस संबंध में चाइल्ड लाइन को खबर मिली और चाइल्डलाइन के संयोजक नारायण शुक्ला और उनका टीम गौड़ साही में पहुंचे।

गौड़ साही आंगनवाड़ी केंद्र के कार्यकर्ता सपनामई स्वाइं की मदद से बच्ची के पास पहुंचकर उसे उद्धार किया। यह नाबालिग लड़की नवीं कक्षा की छात्रा है। अब इस नाबालिग का तमाम खर्चा जिला प्रशासन उठाएगा। यह निर्णय सरकार निर्देश अनुसार हुआ है। इस अनाथ बच्ची को सोमवार सीडब्ल्यूसी के पास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया है।

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