दुष्कर्म मामला: मुख्य आरोपी बिबन की गिरफ्तारी के बाद पीड़िता की याचिका पर हाईकोर्ट ने लगाया विराम

19 साल पहले हाईकोर्ट में दुष्‍कर्म पीड़िता द्वारा दायर की गई याचिका की सुनवाई पर लगी रोक पीड़िता के साथ दुष्कर्म को लेकर पहले कटक महिला थाने में वर्ष 1999 जनवरी 10 तारीख को मामला दर्ज किया गया था।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 01:47 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 01:47 PM (IST)
दुष्कर्म मामला: मुख्य आरोपी बिबन की गिरफ्तारी के बाद पीड़िता की याचिका पर हाईकोर्ट ने लगाया विराम
दुष्‍कर्म पीड़िता की याचिका पर हाईकोर्ट ने लगाया विराम

कटक, जागरण संवाददाता। 19 साल पहले हाईकोर्ट में दुष्‍कर्म पीड़िता द्वारा दायर की जाने वाली याचिका की सुनवाई पर सोमवार को हाईकोर्ट ने विराम लगा दिया है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस.मुरलीधर और न्यायाधीश जस्टिस बी.पी राउतराय को लेकर गठित खंडपीठ में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और सीबीआई की ओर से हलफनामा अदालत में दाखिल किया गया। इस हलफनामे में दर्शाया गया था कि, वर्ष 1999 में घटने वाली दुष्कर्म की मुख्य आरोपी बिबन उर्फ विवेकानंद विश्वाल इस दौरान गिरफ्तार किया जा चुका है। बिबन अब विचार विभागीय हिरासत में है। फरार होने वाला यह आरोपी गिरफ्तार होने के बाद इस संबंध में हाईकोर्ट में दायर याचिका पर विराम लग गया है। हाईकोर्ट ने इस मामले पर विराम लगाते हुए इसे रफा-दफा किया है। 

गौरतलब है कि, पीड़िता के साथ दुष्कर्म को लेकर पहले कटक महिला थाने में वर्ष 1999 जनवरी 10 तारीख को मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद जांच की जिम्मेदारी क्राइमब्रांच को और फिर सीबीआइ ने इस मामले की जांच शुरू किया था। आरोपी प्रदीप साहू उर्फ पदिया एवं धीरेंद्र मोहंती उर्फ पूनिया को गिरफ्तार किया गया था वर्ष 2002 अप्रैल 29 तारीख को खुर्दा जिला और दौराज मामले की राय घोषित करते हुए पदिया और पूनिया को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। 

मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी बिबन बिस्वाल फरार था।सीबीआइ की जांच प्रक्रिया में असंतुष्ट होकर वर्ष 2002 जून 12 तारीख को अंजना मिश्र ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए गुहार लगाई थी जिसमें वह दर्शायी थी कि सीबीआइ की जांच प्रक्रिया में तेजी ना होने हेतु मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। मुख्य आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए याचिका में दर्शाया गया था। मामले की प्राथमिक सुनवाई कर हाईकोर्ट ने सीबीआई को नोटिस भी जारी किया था।

 सीबीआइ नोटिस का जवाब देते हुए यह दर्शाया था कि घटना के दोनों आरोपी गिरफ्तार होकर उम्र कैद की सजा काट रहे हैं जबकि तीसरा आरोपी फरार है जिसकी तलाश जारी है। वर्ष 2019 नवंबर 18 तारीख को इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में हुई थी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में जवाब दाखिल किया जाना था। लेकिन वह मोहलत लेने हेतु मामले को टाल दिया गया था। वर्ष 2019 दिसंबर 16 तारीख को मामले की अगली सुनवाई तय हुई थी और उसके बाद 1 मार्च 2021 को तय हुई थी। फिर उसके बाद इस मामले की अगली सुनवाई 1 मार्च को हाईकोर्ट मामले की सुनवाई करते हुए इस पर विराम लगाया है।

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