Vat Savitri Puja 2021: सावित्री अमावस्या पर मंदिर में पसरा रहा सन्नाटा, कोरोना ने छीनी रौनक

Vat Savitri Vrat 2021 कोरोना महामारी के कारण सावित्री अमावस्या पर आज मंदिर में सन्नाटा पसरा रहा। राजधानी भुवनेश्वर के साथ पूरे प्रदेश में पति के दीर्घायु को महिलाओं ने व्रत रखा। पुरी जगन्नाथ मंदिर में भक्तों के लिए महाप्रसाद विशेष व्यवस्था की गई थी।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 03:16 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 03:21 PM (IST)
Vat Savitri Puja 2021: सावित्री अमावस्या पर मंदिर में पसरा रहा सन्नाटा, कोरोना ने छीनी रौनक
सावित्री अमावस्या के दिन भी मंदिरों में सन्नाटा पसरा रहा।

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के चलते राजधानी भुवनेश्वर समेत पूरे प्रदेश में सावित्री अमावस्या के दिन भी मंदिरों में सन्नाटा पसरा रहा। नई साड़ी ए​वं चूड़ी आदि पहन महिलाओं ने मंदिर जाने के बाद घरों में या फिर आस-पास में मौजूद बरगद के पेड़ के पास जाकर पूजा कर व्रत पालन करते हुए अपने पति के दीर्घायु की कामना की।

सावित्री व्रत एक बड़ा पर्व

महामारी कोरोना के कारण घर में रहकर महिलाओं ने पति के स्वास्थ्य एवं निरामय जीवन की कामना की हैं। हर साल ज्येष्ठ महीने के अमावस्या के दिन सावित्री व्रत का पालन किया जाता है। पुराण के मुताबिक इस दिन महिलाएं सावित्री, यमदेव तथा सत्यवान की पूजा करती हैं। किम्बदंती अनुसार सावित्री के सच्ची भक्ति ए​वं प्रार्थना के सामने मृत्यु के देवता यमराज को नतमस्तक होकर सत्यवान को नया जीवनदान देना पड़ा था। शादी के बाद हिन्दू महिलाओं के लिए सावित्री व्रत एक बड़ा पर्व होता है। नई साड़ी के साथ नई चूड़ी, सिन्दूर एवं विभिन्न फल-फूल के साथ महिलाएं पूजा करती हैं। हालांकि पिछले साल की ही तरह इस साल भी सावित्री व्रत को कोरोना ने फीका कर दिया।

बंद रहे मंदिर के कपाट

संक्रमण के कारण लोगों के लिए मंदिर के कपाट बंद हैं। ऐसे में ज्यादातर महिलाएं घर में रहकर या फिर आस-पास में मौजूद बरगद के पेड़ के पास पूजा-अर्चना की। आज के दिन जहां मंदिरों में महिलाओं की खासी भीड़ होती थी, वहीं राजधानी भुवनेश्वर में मौजूद श्री लिंगराज मंदिर से लेकर श्रीराम मंदिर तक तमाम मंदिर सुनसान नजर आए। 

पुरी जगन्नाथ मंदिर में विशेष व्‍यवस्‍था

हालांकि सावित्री अमावस्या के चलते पुरी जगन्नाथ मंदिर में भक्तों के लिए मंदिर प्रशासन की तरफ से विशेष व्यवस्था की गई थी। टोकन के माध्यम से भक्तों को महाप्रसाद दिया गया है। महाप्रसाद के लिए असंभव भीड़ को देखते हुए सुआर एवं महासुआर निजोग की तरफ से टोकन की व्यवस्था की गई थी। उत्तर एवं दक्षिण द्वार पर प्रतिबंध के बीच भक्तों को महाप्रसाद दिया गया। इस कार्य में सुआर महासुआर निजोग ने पूरा सहयोग किया।

यहां उल्लेखनीय है कि कोरोना प्रतिबंध के कारण भक्तों को जगन्नाथ मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। ऐसे में जगन्नाथ मंदिर के सेवकों द्वारा व्रत पूजन के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। जगन्नाथ मंदिर के मध्य में मौजूद भुवनेश्वर मंदिर में स्थापित सावित्री के पास सेवकों ने व्रत पूजन नीति का पालन किया।

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