बिन भक्तों के चलेगा तीन दिवसीय जोरंदा मेला: बाहरी राज्य के साधु-संतों पर भी लगाया गया है प्रतिबंध

ओडिशा के ढेंकानाल जिले में तीन दिवसीय माघ मेले का आयोजन किया जाएगा। कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार मेले में बाहर से आने वाले साधु संतों पर प्रतिबंध लगाया गया है। देश में महामारी फैली है ऐसे में जिला प्रशासन ने प्रतिबंध लगाया है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 02:50 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 03:07 PM (IST)
बिन भक्तों के चलेगा तीन दिवसीय जोरंदा मेला: बाहरी राज्य के साधु-संतों पर भी लगाया गया है प्रतिबंध
जोरंदा में तीन दिवसीय माघ मेले का आयोजन

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ढेंकानाल जिले के जोरंदा में वीरवार से तीन दिवसीय माघ मेले का आयोजन किया जाएगा। इस साल बिना भक्त एवं साधु संत के इस मेले का पालन किया जाएगा। मुख्य रूप से बाहर राज्य के साधु संत को इस मेले में आने पर प्रतिबंध लगाया गया है। 

कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन एवं महिमा सन्यासी को लेकर हुई बैठक में मेले के लिए रूपरेखा तैयार की गई है। केवल महिमागादी के साधु संत तथा जिले के अन्दर के कुछ साधु संतों को लेकर ही इस मेले का आयोजन करने को स्थानीय प्रशासन ने अनुमति दी है। इसके अलावा जिले के बाहर के साधु संत कोविड निगेटिव रिपोर्ट दिखाकर मेले में भाग ले सकेंगे।

इस संदर्भ में बाबा नित्यानंद दास ने कहा है कि देश में महामारी फैली है ऐसे में जिला प्रशासन ने प्रतिबंध लगाया है। प्रशासन के निर्णय से हमें दुख हुआ है। साधुओं की अनुपस्थिति में इस तरह के कार्यक्रम से हमें गहरा धक्का लगा है। आयोजक प्रशांत राउत ने कहा है कि गुरुवार से जोरन्दा पीठ में तीन दिवसीय विश्व प्रसिद्ध माघ मेला आयोजित होगा। जिले के लोग कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखाकर दर्शन का लाभ ले सकेंगे।

इस साल कम लोगों को लेकर जोरन्दा मेला करने का निर्णय लिया गया है। बाहर राज्य का कोई भी साधु संत इस मेले में भाग नहीं लेगा। जिले के बाहर से केवल रीति नीति से जुड़े व्यक्ति विशेष को ही अनुमिति मिलेगी। जिले के अन्दर के जिन साधु संतों की कोविड रिपोर्ट निगेटिव होगी, वे मेले में प्रवेश कर पाएंगे। सामान्य लोगों के लिए अनुमति नहीं होने की बात जिलाधीश भूमेश चन्द्र बेहेरा ने कही है।

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