राज्य सरकार की उदासीनता का खामियाजा भुगत रहे सेवक

श्रीक्षेत्र धाम पुरी जगन्नाथ मंदिर के संचालन में कमेटी की प्रमुख भूमिका होती है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 05:48 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 05:48 PM (IST)
राज्य सरकार की उदासीनता का खामियाजा भुगत रहे सेवक
राज्य सरकार की उदासीनता का खामियाजा भुगत रहे सेवक

जासं, भुवनेश्वर : श्रीक्षेत्र धाम, पुरी जगन्नाथ मंदिर के संचालन में कमेटी की प्रमुख भूमिका होती है। जगन्नाथ मंदिर के विकास की बात हो या सेवकों के हित की बात या फिर नीति निर्धारण, अनुशासन सभी कार्य के लिए जगन्नाथ मंदिर संचालन कमेटी का अनुमोदन जरूरी होता है। बावजूद इसके नई संचालन कमेटी का गठन तथा चयन में देरी होने के कारण तमाम कार्य प्रभावित हो रहे हैं। पांच महीने पहले ही जगन्नाथ मंदिर संचालन कमेटी का कार्यकाल खत्म हो गया है, लेकिन सरकार को नई संचालन कमेटी के गठन करने का समय नहीं मिल रहा है और इसका खामियाजा जगन्नाथ मंदिर के सेवक और भक्तों को भुगतना पड़ रहा है। सब कुछ जानते हुए भी सरकार तत्परता नहीं दिख रही है। इसका सीधा प्रभाव मंदिर के सेवक एवं भक्तों पर पड़ रहा है। उम्मीद थी कि सरकार, महाप्रभु जगन्नाथ जी की रथयात्रा के बाद नई कमेटी का गठन करेगी। रथयात्रा संपन्न हुए भी काफी समय हो गया है और फिर भी नई कमेटी गठन को लेकर सरकार की तरफ से किसी प्रकार की तत्परता नहीं दिख रही है।

पुरी जगन्नाथ मंदिर कानून 1954, सेक्शन 6 के आधार पर जगन्नाथ मंदिर विधि व्यवस्था में अनुशासन तथा विभिन्न सुविधा असुविधा का समाधान करने के लिए संचालन कमेटी का गठन किया गया है। इसमें मुक्ति मंडप, विभिन्न नियोग, मठ आदि से 10 लोग चयनित सदस्य हैं। अंतिम बार 15 मार्च 2018 को जगन्नाथ मंदिर संचालन कमेटी का गठन किया गया था। इसमें गजपति महाराज संचालन कमेटी के स्थाई अध्यक्ष हैं। वहीं, सदस्यों में मुक्तिमंडप से सिद्धेश्वर महापात्र, पूजापंडा नियोग से माधव पूजा पंडा, पुष्पालक नियोग से तलुच्छ नीलकंठ महापात्र, प्रतिहारी नियोग से माधव महापात्र, सुआर महासुआर नियोग से अनंत कुमरा तिआड़ी, दइतापति नियोग से रामचन्द्र दास महापात्र का चयन किया गया था। भास्कर शिल्पी दिवंगत रघुनाथ महापात्र, खंजापीठा मठ के अध्यक्ष सचिदानंद दास महाराज, चार्टर्ड एकाउंटेंट विजयक साहू, जगन्नाथ मंदिर के पूर्व प्रशासक महिमोहन त्रिपाठी भी मनोनीत कमेटी में शामिल थे। करीब 5 महीने पहले कमेटी का कार्यकाल खत्म होने के बाद से बिना कमेटी के जगन्नाथ मंदिर चल रहा है। परिणामस्वरूप जगन्नाथ मंदिर दानकोष से लेकर अन्य विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। रथयात्रा से पहले मुख्य प्रशासक से मीडिया प्रतिनिधियों ने सवाल किया था तब उन्होंने कहा था कि बहुत जल्द नई संचालन कमेटी का गठन किया जाएगा। इससे जगन्नाथ मंदिर के बजट से लेकर रथ पहिया का दान जैसे अनेक प्रस्ताव, प्रस्ताव तक ही सीमित है।

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