2 साल के मासूम के इलाज में बाधक बनी पिता की आर्थिक स्थिति, जिला प्रशासन से मदद की गुहार
ओडिशा के मयूरभंज जिले के एक गांव में रहने वाले दम्पति ने जिला प्रशासन से अपने बच्चे के इलाज के लिए मदद की गुहार लगायी है। पिता की आर्थिक स्थिति स्थिति बेहद खराब है जिसकी वजह से वह बच्चे का इलाज करवाने में सक्षम नहीं है।
बारीपदा, जागरण संवाददाता। मयूरभंज मे बड़साही ब्लॉक अंतर्गत बाथुड़ीबंध गांव के निवासी काशीनाथ गिरी और उनके धरम पत्नी अपने दो साल के बेटे के इलाज के लिये खुद के गांव से लेकर शहर तक चारों ओर सहयोग मांगते हुए ठोकर खा रहे हैँ। यह खबर मिलते ही दैनिक जागरण के संवाददाता दम्पति से संपर्क करने बाथुड़ीबंध गांव पहुंचे।
दो साल का मासूम बच्चा 'बजरंग गिरी' का जन्म 2019 मे हुआ। अपनी पहली संतान के रूप मे बजरंगी गिरी को पाते ही काशीनाथ गिरी और उनके धर्म पत्नी का दामन खुशियों से भर गया था। अपनी पहली संतान के रूप मे बजरंगी गिरी को पाकर परिवार में जश्न का माहौल था। आने वाली दुख की पहाड़ को किसी को अंदाजा भी नहीं था। लेकिन अचानक जैसे सब कुछ बदल सा गया। सब कुछ अंधेरा ही अंधेरा लगने लगा। हां बस कुछ ही दिनों में गम का साया ऐसा छाने लगा जैसे जिंदगी एक बोझ बन गयी। एक महीने की बाद ही जिस दिन पहली बार बजरंगी की तबियत बिगड़ी और वह अस्पताल पहुंच गया, उस दिन से आज तक उनके पिता और माता सुकून से सो नहीं पाएं है। वजह एक ही है बजरंगी की सेहत।
काशीनाथ गिरी जो की किसी प्राइवेट कंपनी मे काम करके महीने का 4500 रुपया कमाते हैं, उन्होंने पिता का धर्म पालन करते हुए अपने इकलौते लड़के के इलाज के लिये बारीपदा, कटक और भुवनेश्वर के एम्स ले जाकर इलाज करवाया। लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ, समय निकलता गया लेकिन बेटे को आर्थिक स्थिति के कारण बेहतर इलाज देने मे नाकामयाब हुए। गांव वालों से चंदा करके, अपने दोस्त, रिश्तेदार से उधारी लेते-लेते थक चुके हैं। बेटे के इलाज के लिये। उनके पास आज खुद की जिंदगी का गुजारा करने के लिये भी उधार लेना पड़ता है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन से अगर कुछ सरकारी सहायता मिलेगी तो बेटे का इलाज करवा पाएंगे और उसे एक नई जिंदगी दे सकेंगे, नहीं तो ऐसे ही हर दिन हर पल उनका बेटा दर्द सहते हुए सभी दिनों के लिये आंख बंद कर देगा।