1500 सेवकों के बीच अपनी शारीरिक बनावट को लेकर फिर चर्चा में हैं महाप्रभु के अंगरक्षक अनिल गोच्छिकार

विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा बिना भक्तों के ही निकाली गई महाप्रभु के रथ को 1500 सेवकों ने मिलकर खींचा। रथ खींचने वालों में एक बार फिर अपनी बाहुबली-सी कद काठी के चलते प्रभु के अंगरक्षक अनिल गोच्छिकर अपनी शारिरिक बनावट को लेकर चर्चा में हैं।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Tue, 13 Jul 2021 03:01 PM (IST) Updated:Tue, 13 Jul 2021 03:01 PM (IST)
1500 सेवकों के बीच अपनी शारीरिक बनावट को लेकर फिर चर्चा में हैं महाप्रभु के अंगरक्षक अनिल गोच्छिकार
एक्टर-मॉडल की तरह स्मार्ट दिखने वाले अनिल गोच्छिकार

भुवनेश्वर/पुरी, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के कारण पिछले साल की तरह इस साल भी महाप्रभु जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा बिना भक्तों के ही निकाली गई। ऐसे में तीनों रथों को जगन्नाथ मंदिर के सेवकों ने खींचा और निर्धारित समय में तीनों रथों को गुंडिचा मंदिर के पास पहुंचा दिया। प्रत्येक रथ को खींचने के लिए 500 के हिसाब से सेवक नियोजित किए गए थे। हालांकि इन 1500 सेवकों के बीच प्रभु जगन्नाथ जी के रथ को खींच रहे उनके अंगरक्षक अनिल गोच्छिकार के शारीरिक बनावट को लेकर एक बार फिर चर्चा शुरू हो हो गई है।

7 बार बन चुके हैं मिस्‍टर ओडिशा

अनिल गोच्छिकार और कोई नहीं बल्कि भगवान जगन्नाथ जी के अंगरक्षक हैं। बता दें कि जगन्नाथ पुरी मंदिर में भगवान जगन्नाथ के अंगरक्षक के तौर पर अनिल गोच्छिकर नियुक्त हैं। अपनी बाहुबली-सी कद काठी के चलते अनिल हर साल रथयात्रा में सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लेते हैं। एक्टर-मॉडल की तरह स्मार्ट दिखने वाले अनिल के बारे में आपको बता दें कि वे 7 बार मिस्टर ओडिशा, 3 बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप में दो बार सन् 2017 एवं 2019 में गोल्ड तथा एक बार 2018 में सिल्वर, एक बार अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम कर चुके हैं। मिस्टर ओडिशा बनने से पहले अनिल पूर्व में मिस्टर वर्ल्ड प्रतियोगिता में गोल्ड कैटेगरी में भी कांस्य पदक भी जीत चुके हैं।

जानें क्‍या है अनिल की दिनचर्या

अनिल के बड़े भाई भी जगन्नाथ मंदिर में सेवक हैं और माता-पिता भी महाप्रभु के सेवक थे। इसके बाद अब अनिल भी महाप्रभु की ही सेवा करते हैं। गराबड़ु सेवा अर्थात प्रभु के स्नान के लिए पानी देने का कार्य, बड़द्वार अर्थात अंगरक्षक का कार्य और हड़प सेवा यानी मंदिर ट्रेजरी वैन का दुरुपयोग न हो इसका संचालन जैसी जिम्मेदारी अनिल ही निभाते हैं। अनिल हर दिन सुबह 5.30 बजे उठ जाते हैं। इसके बाद नाश्ते में 150 ग्राम अंकुरित मूंग और 1 नारियल खाने के बाद जिम जाते हैं। सुबह 9.30 बजे चावल, पनीर, मशरूम, पालक का साग, वेट प्रोटीन और फिर दोपहर 12.30 बजे चावल, पनीर, सोयाबीन, दही और सलाद खाते हैं। दोपहर 3 बजे ब्रेड या रोटी, सब्जी के साथ एक या दो केले खाते हैं और फिर जिम जाते हैं। यहां करीब 3 घंटे शारीरिक अभ्यास करते हैं। अनिल की यह दैनिक क्रिया आज भी जारी है और यही कारण है कि महाप्रभु जी की रथयात्रा में आज एक फिर उन्होंने कैमरे का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया।

chat bot
आपका साथी