बीएमसी कार्यालय के बाहर बस्ती वासियों ने भरी हुंकार: मंत्री प्रताप जेना को सौंपा 14 सूत्री मांगों वाला ज्ञापन

मांगे नहीं मानी गई तो तेज करेंगे आन्दोलन 15 सूत्री मांग को लेकर वीरवार को बस्ती सुरक्षा मंच ने भुवनेश्वर नगर निगम कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया है। इस प्रदर्शन में हजारों की संख्या में बस्ती के लोग शामिल हुए।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Fri, 19 Feb 2021 09:53 AM (IST) Updated:Fri, 19 Feb 2021 09:53 AM (IST)
बीएमसी कार्यालय के बाहर बस्ती वासियों ने भरी हुंकार: मंत्री प्रताप जेना को सौंपा 14 सूत्री मांगों वाला ज्ञापन
बीएमसी कार्यालय के बाहर बस्ती सुरक्षा मंच का प्रदर्शन

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। बस्ती वासियों के पुनर्वास के लिए पक्का मकान आवंटन में हुए भ्रष्टाचार की सतर्कता विभाग से जांच कराने, बस्ती वासियों का पुनर्वास करने, गृह आवंटन नीति घोषित करने, वर्ज्यवस्तु एवं षडयंत्र के तहत उच्छेद प्रक्रिया को बंद करने, बस्ती तोड़कर बस्ती बनाने की नीति को रद करने, बस्ती कानून परिवार संज्ञा के मुताबिक सही रूप से बस्ती में रहने वाले सभी परिवार का पुनर्वास करने, प्रदर्शनकारियों पर लगाए गए झूठे मुकदमे वापस लेने, बिल्डर के हित के लिए हमले का शिकार होने वाले पीड़ित परिवार को हथकड़ी पहनाकर गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी को निलंबित करने आदि 15 सूत्री मांग को लेकर वीरवार को बस्ती सुरक्षा मंच ने भुवनेश्वर नगर निगम कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया है। 

 इस प्रदर्शन में हजारों की संख्या में बस्ती के लोग शामिल हुए। बस्ती सुरक्षा मंच की सचिव कामरेड प्रमिला, बस्ती नेता रामचन्द्र साहू, योगीनाथ बेहेरा, गदाधर साहू, नारायण लेंका, दीनबंधु साहू, विजय रथ आदि के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडली ने राज्य गृह निर्माण व नगर विकास मंत्री प्रताप जेना से मुलाकात कर उन्हें 14 सूत्री मांगों वाला एक ज्ञापन सौंपा है। 

 बस्ती वासियों के इस आन्दोलन को भुवनेश्वर के साथ कटक एवं पुरी के बस्ती के लोगों ने भी समर्थन किया है और उनके प्रतिनिधि इस आन्दोलन में शामिल हुए। बस्ती के नेताओं ने कहा है कि बस्ती पुनर्वास के लिए बनाये गए एसयूसी योजना में घर आवंटन में व्यापक अनियमितता हो रही है। सही में जो बस्ती के लोग हैं उन्हें आवास नहीं मिल रहा है। ऐसे लोगों घर दिया जा रहा है जो लोग कभी बस्ती में रहे ही नहीं थे। बस्ती वासियों ने यह भी आरोप लगाया है कि बीएमसी, बीडीए, सीएलटीसी अधिकारी कर्माचारी शासक दल के नेता के साथ मिलकर लाखों रुपये लेकर बस्ती वासियों के लिए जो घर मिलना चाहिए, उसे दूसरों को दे रहे हैं।  

 सरकार ने सभी क्षेत्र में स्वच्छता लाने की बात करती है और 5टी विभाग का गठन किया गया है, मगर बस्ती वासियों के क्षेत्र में इसका कुछ भी सदुपयोग नहीं किया जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री ने बस्ती वासियों को शहर का जीवन रेखा बताया था और बस्ती वासियों को जमीन अधिकार एवं महानगर निगम इलाके में घर देने की घोषणा की थी, मगर हकीकत उससे अलग है। ऐसे में हमारी मांग को यदि नहीं पूरा किया गया तो हम आगामी दिनों में अपने आन्दोलन को और तेज करेगे।

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