देशद्रोह मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों ने गाया राष्ट्रीय गान, कहा हम हैं निर्दोष हमें फंसाया गया
पाकिस्तान को खुफिया जानकारी लीक करने के मामले में गिरफ्तार चारों अभियुक्तों ने अपने ऊपर लगे आरोप का खंडन किया है। किसी ने राष्ट्रीय गान गाया तो किसी ने वंदेमातरम गाकर खुद को निर्दोष साबित करने की कोशिश की। इन सब घटना के पीछे एक पाकिस्तानी सुन्दरी की मायाजाल था।
भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। देश की सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी पाकिस्तान (Pakistan) को लीक कर देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार चार अभियुक्त ने अपने ऊपर लगे आरोप का खंडन किया है। इतना ही नहीं जब इन अभियुक्तों को कोर्ट चालान किया जा रहा था तब इनमें से किसी ने राष्ट्रीय गान गाया तो किसी ने वंदेमातरम गाकर खुद को निर्दोष बताते हुए मीडिया का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया।
जानकारी के मुताबिक बालेश्वर जिले के चांदीपुर में भारत सरकार का इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) है। यहां पर झाम्बराहाट गांव के बसंत बेहेरा, एवं श्रीकोणा गांव के शेख मुसाफिर एसी (एयर कंडीशनर) आपरेटर के तौर पर काम कर रहे थे। ठीक उसी तरह से पालशिआर का तापस रंजन नायक मुख्य फाटक पर चौकीदार के तौर पर नियोजित था जबकि बुआंल गांव का हेमन्त कुमार मिस्त्री डीजी आपरेटर था। ये लोग लम्बे समय से यहां कार्यरत थे। कोई 10 साल से काम कर रहा था तो कोई 20 साल से नौकरी करता था। इसके बावजूद इन लोग किस प्रकार से देशद्रोह जैसे संगीन अपराध किया, इनके मन ऐसी क्या लालसा थी कि दुश्मन देश को गुप्त तथ्य मुहैया कर रहे थे, इन तमाम विषयों पर जांच जारी है।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक इन सब घटना के पीछे एक पाकिस्तानी सुन्दरी की मायाजाल था। गिरफ्तार 4 संविदा कर्मचारी एक पाकिस्तानी सुन्दरी एजेंट के हनीट्राप में फंसकर डीआरडीओ का गुप्त एवं महत्वपूर्ण तथ्य देने की आशंका जतायी जा रही है। हालांकि यह बात अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है, मगर इसे नकारा भी नहीं जा सकने की बात बालेश्वर के एसपी सुधांशु शेखर मिश्र ने कही है। चर्चा यह भी हो रही है कि पाकिस्तानी सुन्दरी पहले चांदीपुर परीक्षण घाटी में कार्यरत एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के साथ फेसबुक पर दोस्ती की। खुद को उत्तर प्रदेश का रहने का परिचय देकर दोस्ती बढ़ायी। इसके बाद चांदीपुर घूमने की इच्छा जताने के साथ ही एक स्थानीय सिम कार्ड मुहैया कराने को कहा। इसके लिए संपृक्त कर्मचारी के खाते में मोटी रकम भेजने के साथ ही उसका विश्वास जीता। इसके बाद कर्मचारी अपने नाम से सिम कार्ड लाकर संपृक्त सुन्दरी को नंबर दिए। इसी नंबर से व्हाटसएप खाता खोलकर एक के बाद एक कर चार कर्मचारी को अपनी जाल में फंसाते हुए समय सुविधा देखकर यहां का गुप्त तथ्य सुन्दरी हासिल कर रही थी।