भुवनेश्वर के Apollo Hospital में एक ही साथ हुआ तीन मरीजों का विरल इलाज
Apollo Hospital Bhubaneswar भुवनेश्वर के अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने एक ही साथ तीन मरीजों का विरल इलाज किया है। कोविड के समय ये तीनों अलग तरह की बीमारियों को लेकर अपोलो अस्पताल आए थे। इनका एंडोस्कोपी तथा सर्जरी द्वारा सफल आपरेशन किया गया।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। अपोलो अस्पताल में एक ही साथ तीन मरीजों का विरल इलाज किया गया है। वरिष्ठ पेट एवं यकृत रोग विशेषज्ञ डा. सुशांत सेठी, शल्य विशेषज्ञ डा. देवाशीष नायक एवं कान नाक तथा गला विशेषज्ञ डा. सूर्यकांत प्रधान ने संयुक्त रूप से एंडोस्कोपी तथा सर्जरी द्वारा यह सफल आपरेशन किया है।
इस संबन्ध में यहां आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन के जरिए डा. सेठी ने कहा है कि कोविड के समय ये तीनों अलग तरह की बीमारियों को लेकर अपोलो अस्पताल आए थे। इसमें से एक व्यक्ति ने मछली का कांटा निगल गया था जिससे उसकी खाद्य नली में छेद हो जाने से फुसफुस संक्रमण के साथ श्वास क्रिया में तकलीफ हो रही थी। डा. सेठी ने इस बीमारी का इलाज करते हुए एंडोस्कोपी पद्धति से खाद्य नली में स्टेंट देर रास्ते को बंद कर दिया। डा. देवाशीष ने कहा है कि मरीज के सम्पूर्ण स्वस्थ होकर घर लौट गया है। उसी तरह एक महिला एक नकली दांत को गलती से निगल गई थी। दांत ने खाद्य नली में तीन जगहों पर छेद कर दिया जिससे खाद्य नली में घाव बना दिया। डाक्टर ने दांत को खाद्य नली से निकालकर घाव को बिना आपरेशन के ठीक करना मुश्किल था मगर स्टेंट देकर ठीक कर दिया। डा. सेठी ने आपरेशन किया था जबकि डा. सूर्यकांत प्रधान, डा. सलिभ परिड़ा, डा. सिद्धार्थ महांति, डा. सौमित्र शतपथी एवं डा. ज्योति ने आपरेशन में मदद की थी।
वहीं तीसरा मरीज कोविड से पीड़ित होने के बाद काफी दिनों से वेंटिलेटर पर था। कोविड से ठीक होने के बाद जब बाहर निकला तो उसकी खाद्य नली से श्वास नली को रास्ता बनने की बात पता चली। छह माह तक विभिन्न अस्पताल में इलाज कराने से ठीक ना होने पर निराश होकर अपोलो अस्पताल पहुंचे। डा. सेठी, डा. नायक एवं डा. प्रधान ने संयुक्त रूप से एंडोस्कोपी क्लिपिंग के जरिए उसका इलाज किए। करीबन तीन महीने तक इलाज चला। अब मरीज अपने मुंह से खाद्य खाने के साथ ही सम्पूर्ण स्वस्थ है। अपोलो अस्पताल के सीईओ सुधीर दिगीकर एवं डीएमएस डा. आशीष चन्द्र प्रमुख ने डाक्टर को अभिनंदन जताने के साथ ही आभार प्रकट किया है।