Puri Jagannath Temple: पुरी जगन्नाथ मंदिर के सेवायतों को मिलेगा निःशुल्क मकान

प्रत्येक परिवार को करीब 600 वर्ग फीट का प्लाट और घर बनाने के लिए 2 लाख दिए जाएंगे गुरुकुल को 17 एकड़ के भूखंड पर स्थापित किया जाएगा और ओडिशा सरकार इसकी स्थापना का सारा खर्च वहन करेगी। एक श्रीमंदिर आदर्श गुरुकुल सोसाइटी बनाई जाएगी जो गुरुकुल चलाएगी।

By Priti JhaEdited By: Publish:Fri, 27 Aug 2021 11:52 AM (IST) Updated:Fri, 27 Aug 2021 11:52 AM (IST)
Puri Jagannath Temple: पुरी जगन्नाथ मंदिर के सेवायतों को मिलेगा निःशुल्क मकान
पुरी जगन्नाथ मंदिर के सेवायतों को मिलेगा निःशुल्क मकान

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। महाप्रभु श्री जगन्नाथ के मंदिर के सेवायतों को निःशुल्क मकान उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिए आठ एकड़ जमीन देख ली गयी है और पूरा खर्च ओडिशा सरकार वहन करेगी। पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति की बैठक के बाद मंदिर के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि एक ‘श्रीमंदिर गुरुकुल’ स्थापित किया जाएगा।

कुमार ने कहा कि गुरुकुल को 17 एकड़ के भूखंड पर स्थापित किया जाएगा और ओडिशा सरकार इसकी स्थापना का सारा खर्च वहन करेगी। एक श्रीमंदिर आदर्श गुरुकुल सोसाइटी बनाई जाएगी, जो गुरुकुल चलाएगी। उन्होंने बताया कि पहले गुरुकुल की स्थापना के लिए सुप्रीम कोर्ट से कुछ पैसे हमें मिले थे। इस पैसे का इस्तेमाल इस उद्देश्य के लिए किया जाएगा।

इसके साथ ही पुरी श्रीमंदिर के सेवादारों को नि:शुल्क मकान मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमने इसके लिए 8 एकड़ जमीन की पहचान की है और प्रत्येक परिवार को करीब 600 वर्ग फीट का प्लाट और घर बनाने के लिए 2 लाख रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सेवायत यदि घर का कोई विस्तार चाहेंगे तो अपनी जेब से अधिक खर्च कर सकते हैं।

मुख्य प्रशासक ने कहा कि जिन सेवायतों की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है, उन्हें लाभ मिलेगा और जो पुरी श्रीमंदिर के दैनिक अनुष्ठान में लगे हुए हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए सेवायतों से आवेदन मांगे जाएंगे और बाद में उन्हें भूखंड आवंटित कर दिए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि पहले चरण में 400 सेवायतों को घर मिलने की संभावना है। कुमार ने कहा कि जो भक्त पहले रथयात्रा के बाद पवित्र त्रिमूर्ति के रथों के पहियों और अन्य भागों के लिए एक निश्चित राशि जमा कर रहे थे, वे अब उन्हें मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं।

कुमार ने बताया कि यह तय करने के लिए एक उप-समिति का गठन किया जाएगा कि किस व्यक्ति या संगठन को रथ के पहिए और अन्य हिस्से मिलेंगे। अधिक इच्छुक आवेदक होने पर लाटरी सिस्टम के माध्यम से चयन किया जाएगा। दूसरी ओर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से जल्द ही पुरी श्रीमंदिर के लिए 5 साल की पुनरुद्धार योजना मांगी जाएगी। उन्होंने कहा कि जहां एएसआई और श्रीमंदिर प्रशासन पुनरुद्धार के संबंध में आपसी निर्णय लेगा, वहीं राज्य सरकार जरूरत पड़ने पर पुनरुद्धार कार्यों में होने वाले अतिरिक्त खर्च को वहन करेगी। 

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