Cyclone Jawad: ओडिशा में चक्रवात जवाद से हुए नुकसान की रिपोर्ट तलब, किसान ने की आत्महत्या

cyclone Jawad ओडिशा के पुरी तट को टच करने के बाद चक्रवात जवाद आगे निकल गया है। इसके बाद राज्य की सरकार चक्रवात के प्रभाव से हुई क्षति और प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने में जुट गई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 08:40 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 08:40 PM (IST)
Cyclone Jawad: ओडिशा में चक्रवात जवाद से हुए नुकसान की रिपोर्ट तलब, किसान ने की आत्महत्या
ओडिशा में चक्रवात जवाद से हुए नुकसान की रिपोर्ट तलब, किसान ने की आत्महत्या। फोटो जागरण

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। समुद्र में ही कमजोर होकर रविवार की शाम ओडिशा के पुरी तट को टच करने के बाद चक्रवात जवाद आगे निकल गया। इसके बाद राज्य सरकार इसके प्रभाव से हुई क्षति और प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने में जुट गई है। राजस्व मंत्री सुदाम मरांडी ने चक्रवात प्रभावित जिलों में किसानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट जिलाधीशों से तलब की है। इधर, मुख्यमंत्री के गृह जिले गंजाम में पात्रपुर इलाके के उलमा गांव के किसान कैलाश सबर ने आत्महत्या कर ली है। स्वजनों के अनुसार, कैलाश ने ऋण लेकर दूसरे की जमीन में धान की फसल लगाई थी। चक्रवात की बारिश के कारण जमीन में पानी भर गया। फसल के नुकसान को लेकर वह काफी तनाव में था और आत्महत्या जैसा घातक कदम उठाने को मजबूर हो गया।

चक्रवात जवाद की वजह से ओडिशा के तटीय क्षेत्र में हजारों हेक्टेयर जमीन पर लगी फसल बर्बाद हो गई है। बारिश का पानी खेतों में भर गया है। इससे धान के पौधे गिर गए हैं, जिससे फसल के सड़ जाने की आशंका है। राज्य के आठ तटीय जिलों में जवाद के कारण भारी बारिश हुई है। सबसे ज्यादा नुकसान जगतसिंहपुर जिले में होने की खबर है। जिले के पारादीप में 201 मिली मीटर बारिश हुई है, जिससे 82 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि में लगी फसल को नुकसान हुआ है। इसके अलावा केंद्रपाड़ा, पुरी, बालेश्वर, जाजपुर जिले में भी फसलें बर्बाद हुई हैं। संबंधित सभी जिलों की बात करें तो लगभग एक लाख हेक्टेयर में लगी फसल जवाद की वजह से प्रभावित हुई है। 

गौरतलब है कि चक्रवात जवाद का बड़ा खतरा भले ही टल गया, लेकिन लगातार बारिश के कारण खेतों में पानी भर जाने से धान और सब्जियों की फसल को भारी क्षति पहुंची है। इससे किसान परेशान हैं। विशेष राहत आयुक्त ने सभी जिलाधीशों को नुकसान का आकलन कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है, ताकि किसानों को मुआवजा दिया जा सके।श्रीक्षेत्र धाम पुरी के साथ साथ भद्रक, केंदुझर, गंजाम, गजपति, जगतसिंहपुर जिले में हजारों हेक्टेयर जमीन में खरीफ धान पानी में डूबकर नष्ट होने लगा है।

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