नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पर्सनल मैनेजमेंट उत्कल चैप्टर के नए अध्यक्ष के तौर पर राधेश्याम महापात्र ने संभाला कार्यभार

राधेश्याम महापात्र नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पर्सनल मैनेजमेंट (एनआईपीएम) उत्कल चैप्ट नए अध्यक्ष का दायित्‍व सौंपा गया है। श्री महापात्र 2015 से 2019 तक रांची चैप्टर के अध्यक्ष के तौर पर एवं एनआईपीएम के राष्ट्रीय परिषद के क्षेत्रीय अध्यक्ष (पूर्वांचल) के तौर पर दो बार दायित्व सम्भाल चुके हैं।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 09:52 AM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 09:52 AM (IST)
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पर्सनल  मैनेजमेंट उत्कल चैप्टर के नए अध्यक्ष के तौर पर राधेश्याम महापात्र ने संभाला कार्यभार
एनआईपीएम उत्कल चैप्टर के नए अध्यक्ष के तौर पर राधेश्याम महापात्र

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पर्सनल मैनेजमेंट (एनआईपीएम)  उत्कल चैप्टर के नए अध्यक्ष के तौर पर राधेश्याम महापात्र ने अपना दायित्व ग्रहण कर लिया है। भुवनेश्वर में एनआईपीएम उत्कल चैप्टर कार्यनिर्वाही कमेटी की बैठक में महापात्र को सबकी सहमति से चैप्टर के अध्यक्ष के तौर पर चुना गया है। 

 महापात्र वर्तमान समय में नेशनल एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (नालको) के निदेशक (मानव संसाधन) के तौर पर कार्यरत हैं। शक्ति, तेल एवं कोयला उद्योग आदि क्षेत्र में विभिन्न पद पर उनका तीन दशक से अधिक समय का अनुभव है। श्री महापात्र मानव संसाधन क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण कार्य को सही ढंग से संपादन किया है। नेशनल हाईड्रोपावर कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचपीसी), इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (इआईएल) एवं सेंट्रल कोलफिल्ड लिमिटेड (सीसीएल- कोल इंडिया लिमिटेड का एक सब्सीडियारी) रांची में उनके कार्यकाल के समय उन्होंने उत्पादक कार्य संस्कृति का शुभारंभ करने के साथ उसको त्वरान्वित किया था।

  श्री महापात्र पहले ही एनआईपीएम के अनेक पद पदवी पर कार्य कर चुके हैं। वह 2015 से 2019 तक रांची चैप्टर के अध्यक्ष के तौर पर एवं एनआईपीएम के राष्ट्रीय परिषद के क्षेत्रीय अध्यक्ष (पूर्वांचल) के तौर पर दो बार दायित्व सम्भाल चुके हैं। उल्लेखनीय है कि 2016 में श्री महापात्र की अध्यक्षता के समय एनआईपीएम रांची चैप्टर में एक साथ 113 लाइफ मेंम्बर शामिल हुए थे  जो किसी भी एक वृत्तिगत संस्था के लिए एक उल्लेखनीय सफलता है।

  महापात्र की उत्पादकता वृद्धि, ग्रामीण विकास, गरीबी निराकरण, पर्यावरण एवं हरित परिवेश सृष्टि करने आदि क्षेत्र में कार्य करने की प्रबल इच्छा है। वह समाज की आ​वश्यकता एवं आकंक्षा को प्रतिक्रियाशील करने के लिए प्रशासन में सुधार लाने के साथ उत्साह के साथ कार्य करने पर सदैव प्रमुखता दी है।

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