Puri Jagannath Temple: जगन्नाथ भगवान की 2021 की देवस्नान पूर्णिमा 24 जून को, करवाया जाएगा महास्‍नान

Puri Jagannath Temple जगन्नाथ भगवान की 2021 की देवस्नान पूर्णिमा गुरुवार 24 जून 2021 को है। इस दिन रत्नवेदी पर विराजमान चतुर्धा देवविग्रहों को महास्नान कराया जाएगा। स्वर्ण कूप से 108 स्वर्ण कलश पवित्र तथा शीतल जल लाकर चतुर्धा देवविग्रहों को महास्नान कराया जाता है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Mon, 31 May 2021 02:31 PM (IST) Updated:Mon, 31 May 2021 02:31 PM (IST)
Puri Jagannath Temple: जगन्नाथ भगवान की 2021 की देवस्नान पूर्णिमा 24 जून को, करवाया जाएगा महास्‍नान
जगन्नाथ भगवान की देवस्नान पूर्णिमा 24 जून, 2021 को है।

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। जगत के नाथ पुरी जगन्नाथ भगवान की 2021 की देवस्नान पूर्णिमा गुरुवार 24 जून को है। ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन पुरी जगन्नाथ के रत्नवेदी पर विराजमान चतुर्धा देवविग्रहों को उस दिन महास्नान कराया जाता है। उसे भगवान जगन्नाथ के जन्मोत्सव के रुप में भी प्रतिवर्ष श्रीमंदिर के स्नानमंडप पर मनाया जाता है।

108 स्वर्ण कलश पवित्र जल से होगा स्‍नान 

महास्नान के उपरांत भगवान जगन्नाथ को उनके एक गाणपत्य भक्त  विनायक भट्ट की इच्छानुसार उन्हें गजानन वेष में सुशोभित किया जाता है। उस दिन सुबह में पहण्डी विजय कराकर श्रीमंदिर के रत्नवेदी पर विराजमान चतुर्धा देवविग्रहों को श्रीमंदिर के सिंहद्वार के समीप अवस्थित देवस्नामंडप पर लाया जाता है। पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रांगण अवस्थित माता विमला देवी के स्वर्ण कूप से 108 स्वर्ण कलश पवित्र तथा शीतल जल लाकर चतुर्धा देवविग्रहों को महास्नान कराया जाता है। इस क्रम में 35 स्वर्ण कलश जल से जगन्नाथ जी को 33 स्वर्ण कलश जल के बलभद्रजी को, 22 स्वर्ण कलश जल से सुभद्राजी को तथा 18 स्वर्ण कलश जल से सुदर्शन जी को महास्नान कराया जाता है। उन्हें मल-मलकर नहलाया जाता है।

15 दिनों तक श्रीमंदिर का कपाट रहेगा बन्द

जगन्नाथ जी के प्रथम सेवक पुरी के गजपति महाराजा श्री श्री दिव्यसिंहदेव जी अपने राजमहल श्रीनाहर से पालकी में पधारकर छेरापंहरा का दायित्व निभाते हैं। अत्यधिक स्नान करने के चलते देवविग्रह बीमार प़ड जाते हैं। उन्हें उनके बीमार कक्ष में एकांतवास कराकर 15 दिनों तक उनका आयुर्वेद सम्मत विधि से इलाज किया जाता है। उन 15 दिनों तक श्रीमंदिर का कपाट बन्द कर दिया जाता है। उस समय जो भी जगन्नाथ भक्त पुरी धाम आते हैं वे जगन्नाथजी के दर्शन ब्रह्मगिरि अवस्थित भगवान अलारनाथ के दर्शन के रुप में करते हैं। ब्रह्मगिरि में भगवान अलारनाथ की काले प्रस्तर की भगवान विष्णु की मूर्ति है जो दर्शन करने में बहुत ही सुंदर दिखती है। भगवान अलारनाथ को निवेदित होने वाली खीर भोग को उन 15 दिनों तक वहां पधारने वाले समस्त जगन्नाथ भक्त बड़े चाव से भगवान जगन्नाथ के महाप्रसाद के रुप में ग्रहण करते हैं।

जगन्नाथ प्रशासन के दिशा निर्देशानुसार होगा कार्यक्रम

पुरी धाम में वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर के संक्रमण को ध्यान में रखकर जगन्नाथ मंदिर प्रशासन पुरी की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार 2021 की रथयात्रा और उससे जुडे सभी उत्सवों को बिना जगन्नाथ भक्तों के सिर्फ उनके सेवायतगण ही अनुष्ठित करेंगे। 2021 की अक्षय तृतीया शनिवार,15 मई, 2021- अनुष्ठित हुई। शनिवार,15 मई, 2021 से वहां के चंदन तालाब में चल रही है 21 दिवसीय बाहरी चंदनयात्रा। शनिवार,15 मई, 2021 से चल रहा है रथयात्रा 2021 के लिए नये रथों के निर्माण का कार्य।

देवस्नान पूर्णिमा गुरुवार 24जून, 2021 है। नेत्रोत्सव शुक्रवार जुलाई, 2021 को है। रथयात्रा सोमवार 12 जुलाई, 2021 को है। हेरापंचमी शुक्रवार 16 जुलाई, 2021को है। बाहुडा यात्रा मंगलवार 20जुलाई, 2021 को है। सोना वेष बुधवार 21 जुलाई, 2021को है। अधरपडा गुरुवार 22 जुलाई को है तथा नीलाद्रि विजय शुक्रवार 23 जुलाई, 2021 को है जिस दिन चतुर्धा देवविग्रह पुनः अपने रत्नवेदी पर विराजमान होकर अपने भक्तों को नियमित दर्शन देंगे।

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