भारतीय खेत मजदूर यूनियन का विरोध प्रदर्शन, कृषि कानून रद करने व खेत मजदूरों के लिए कानून बनाने की मांग
कृषि कानून रद करने एवं खेत मजदूरों के लिए केन्द्रीय कानून बनाने की मांग को लेकर मंगलवार को भारतीय खेत मजदूर यूनियन की तरफ से राजभवन के सामने विरोध प्रदर्शन किए जाने के साथ ही राज्यपाल को ज्ञापन दिया गया है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। काले कृषि कानून को रद करने एवं खेत मजदूरों के लिए केन्द्रीय कानून बनाने की मांग में मंगलवार को भारतीय खेत मजदूर यूनियन की तरफ से राजभवन के सामने विरोध प्रदर्शन किए जाने के साथ ही राज्यपाल को ज्ञापन दिया गया है। यूनियन के राज्य सचिव सुर जेना के नेतृत्व में आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में 9 सूत्री मांग की गई है।
इसमें मुख्य रूप से तीन काले कृषि कानून को वापस लेने, दलित एवं आदिवासी विरोधी एमजीएनआरइजीए के कार्यकारिता संबंधित मार्गदर्शिका को वापस लेने, खेत मजदूरों के लिए केन्द्रीय कानून बनाने तथा प्रत्येक राज्य में कल्याण बोर्ड गठन करने, एमजीएनआरइजीए तथा अन्य क्षेत्र में सर्वनिम्न मजदूरी 600 रुपये प्रदान करने, 55 साल से अधिक खेत मजदूरों के लिए मासिक 2 जार रुपये पेंशन देने, गरीब एवं भूमिहीन खेत मजदूरों घर बनाने के लिए जमीन पट्टा देने तथा ग्रीन कार्ड धारकों को महीने में 1 हजार रुपये एवं 10 किलो चावल देने की मांग की शामिल है।
भुवनेश्वर स्थित भगवती भवन से बीकेएमयू के कार्यकर्ता एक रैली में आकर राजमहल चौक पर रास्ता अवरोध करते हुए विरोध विरोध प्रदर्शन किया। इससे कुछ समय के लिए राजमहल चौक पर ट्राफिक समस्या देखी गई। राजधानी का प्रमुख चौराह होने के कारण वहां पर पहले से पुलिस टीम तैनात थी और कुछ ही क्षण में ट्राफिक व्यस्था को नियंत्रित करते हुए बहाल करा दिया।
इस अवसर पर यूनियन के राज्य सचिव सूर जेना ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार कृषि, किसान एवं मजदूर विरोधी है। प्रदर्शन के बाद एक प्रतिनिधि दल राजभवन जाकर एक ज्ञापन भी प्रदान किया है। इसमें खेत मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष सर्वेश्वर मार्था, कैलास मुहाण, लोकनाथ भोई, पार्वती लागुरी, डाक हेम्ब्रम, सुषमा भोई, बासंती प्रधान प्रमुख उपस्थित थे।