ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़: भुवनेश्वर में पकड़ा गया गैंग का तीसरा सदस्य
ओडिशा में ऑनलाइन ठगी गिरोह के एक सदस्य प्रियजीत वेउरा को पुलिस ने पकड़ लिया है ये भुवनेश्वर की इडको कॉलोनी में रहता है। इसके पास से 64 हजार रुपये भी नकद मिले। कटक में पकड़े गए 2 आरोपी की गिरफ्तारी के बाद प्रियजीत वेउरा तीसरा सदस्य है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा में ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। इस मामले में भुवनेश्वर के इडको कॉलोनी में रहने वाले प्रियजीत वेउरा नामक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसके पास से 64 हजार रुपये भी जब्त किए गए हैं। प्रियजीत साइबर ठगी करने वाले गिरोह का सदस्य बताया जा रहा है।
पिछले 5 जून को कटक में पकड़े गए 2 आरोपी की गिरफ्तारी के बाद प्रियजीत वेउरा तीसरा सदस्य है, जो पकड़ा गया है। पकड़े गए यह लोग झारखंड के जामताड़ा गिरोह की तरह विभिन्न लोगों को फोन कर खुद को एलआईसी या किसी बैंक का मैनेजर बताते थे। उनकी किसी स्कीम मेच्योर होने का झांसा देकर उनसे बैंक डिटेल हासिल करते थे। बैंक डिटेल मिलते ही यह पल भर में उस अकाउंट को खाली कर देते थे।
इस गिरोह के सरगना कहे जाने वाले कटक के सुप्रभात पर महापात्र ने पुलिस को जानकारी दी है कि बूढ़े व्यक्तियों, बुजुर्ग व्यक्तियों से बैंक डिटेल निकलवाना आसानी होती थी। इसलिए ऐसे ही लोग उनके टारगेट पर रहते थे। 2 दिन पहले उन्होंने एक 71 वर्षीय खगेन्द्र बोकाडिया नामक बुजुर्ग को फोन कर उनके एकाउंट से एक लाख रुपए उड़ाए थे। शाम करीब 5:00 बजे खगेंद्र के फोन में एक अनजाने नंबर से कॉल आया कि मैं झांजीरी मंगला एल आई सी ब्रांच मैनेजर बोल रहा हूं आपकी एक पालिसी मैच्योर होने पर अकाउंट में एक लाख रुपये आए हैं, आप अपना गूगल पे नंबर दे दीजिए जिसमें यह पैसा जमा कर दिया जाएगा।
खगेंद्र को गूगल पे वगैरह की जानकारी ना होने के कारण उन्होंने अपनी बहू शालिनी जैन को फोन दिया। ठग प्रियजीत ने शालिनी से ससुर खगेन्द्र का गूगल पे नंबर हासिल किया और अकाउंट में एक लाख जमा करने के बजाए खगेंद्र के अकाउंट से 1 लाख रुपये उड़ा लिए। मामले की जानकारी मिलते ही शालिनी ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने फोन नंबर को ट्रैक करते हुए सीडीआर के आधार पर भुवनेश्वर के इडको कॉलोनी से प्रियजीत वेउरा को गिरफ्तार कर लिया। पकड़ा गया प्रियजीत वेउरा पेशे से ओला कार ड्राइवर है। उसने साइबर ठगी से मिलने वाले पैसे को दूसरे एकाउंट में जमा करा दिया ताकि वह संदेह के दायरे में नहीं आएं। इस काम के लिए इन लोगों ने 5 बैंक एकाउंट भाड़े पर लिए हुए हैं। पुलिस अब इन बैंक एकाउंट की जांच कर रही है।