DRDO Espionage Case: ओडिशा पुलिस डीआरडीओ जासूसी मामले की जांच में इंटरपोल की लेगी मदद

DRDO Espionage Case डीआरडीओ जासूसी मामले की जांच में ओडिशा पुलिस इंटरपोल की मदद लेगी। ओडिशा क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त महानिदेशक संजीव पांडा ने कहा है कि आरोपितों के साथ वीडियो काल से महिला आपरेटिव की तस्वीर उसके वीडियो फुटेज के साथ प्राप्त हुई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 07:57 PM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 07:57 PM (IST)
DRDO Espionage Case: ओडिशा पुलिस डीआरडीओ जासूसी मामले की जांच में इंटरपोल की लेगी मदद
डीआरडीओ जासूसी मामले की जांच में ओडिशा पुलिस इंटरपोल की लेगी मदद। फाइल फोटो

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। डीआरडीओ के अंतरिम परीक्षण रेंज (आइटीआर) में जासूसी के मामले की जांच कर रही ओडिशा क्राइम ब्रांच रहस्यमयी महिला तक पहुंचने के लिए केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से इंटरपोल की मदद लेगी। यह जानकारी क्राइम ब्रांच के एडीजी संजीव पंडा ने दी है। पंडा ने कहा कि ब्रिटेन से आया फोन नंबर हकीकत में किसका है, किसके नाम से है, क्राइम ब्रांच की विशेष टीम उस पर छानबीन शुरू कर दी है। दुबई से  रुपये किसके खाते से आए थे, इसके लिए क्राइम ब्रांच की टीम इंटरपोल की मदद लेगी। ओडिशा क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त महानिदेशक संजीव पांडा ने कहा है कि आरोपितों के साथ वीडियो काल से महिला आपरेटिव की तस्वीर उसके वीडियो फुटेज के साथ प्राप्त हुई है।

उन्होंने कहा कि हम रहस्यमयी महिला हैंडलर का पता लगाने के लिए इंटरपोल से संपर्क स्थापित करेंगे, जो पांचों आरोपितों से जानकारी हासिल कर रहा थी। जांच एजेंसी को इस बात का सबूत मिला है कि रहस्यमयी महिला एक आरोपित का मोबाइल फोन हैक करने में करीब आठ महीने तक कामयाब रही और उसकी गतिविधियों पर नजर रखती थी। पांडा ने कहा कि वह आइटीआर चांदीपुर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी चुराने में भी कामयाब रही है। ब्रिटेन का फोन नंबर किसका है। आठ महीने तक यह नंबर महिला के पास कैसे रहा। महिला भारतीय नागरिक है या अन्य किसी देश की नागरिक है। दुबई के किसके खाते से आरोपित के खाते में दो किश्त में 38 हजार रुपये आए थे।

खाता धारक का इस महिला के साथ क्या संबंध है। इन तमाम विषयों पर की जांच के लिए क्राइम ब्रांच इंटरपोल की मदद लेगी। नियम अनुसार, क्राइम ब्रांच इसके लिए सीबीआइ की मदद लेगी। सीबीआइ इंटरपोल के साथ संपर्क स्थापित कर तथ्य जुटाने की व्यवस्था करेगी। गिरफ्तार पांचों आरोपितों में से डीआरडीओ के ड्राइवर पर क्राइम ब्रांच टीम विशेष फोकस कर रही है। उसके फेसबुक खाते से रहस्यमयी महिला के पास कुछ तथ्य गया है, जिसे क्राइम ब्रांच ने हासिल कर लिया है। पहले से डिलीट होने वाले अनेक तथ्य को रिस्टोर करने के लिए फारेंसिक लैब की मदद ली जाएगी। इंटरपोल के माध्यम से कई तथ्य मिलने की उम्मीद है। 

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