गांजे की खेती नष्ट करने में नंबर वन ओडिशा: 2020-21 में 23,537 एकड़ में फैली पैदावर की नष्ट

एसटीएफ के आरक्षी उप महानिरीक्षक जयनारायण पंकज ने एसटीएफ के नेतृत्व में ओडिशा पुलिस ने तस्करों की तोड़ी कमर नक्सलियों को दिया बड़ा झटका कहा- ड्रग्स माफिया का सफाया हमारा बड़ा लक्ष्य एसटीएफ केआरक्षी उप महानिरीक्षक जयनारायण पंकज ने कहा युवा एवं बच्चे ड्रग्स माफियाओं के निशाने पर हैं।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 04:50 PM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 04:57 PM (IST)
गांजे की खेती नष्ट करने में नंबर वन ओडिशा: 2020-21 में 23,537 एकड़ में फैली पैदावर की नष्ट
एसटीएफ के आरक्षी उप-महानिरीक्षक जय नारायण पंकज

भुवनेश्वर/कटक, जागरण संवाददाता। देश में गांजे की पैदावार नष्ट करने के मामले में ओडिशा शीर्ष पर पहुंच गया है। राज्य सरकार द्वारा गठित स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की निगरानी में ओडिशा पुलिस की कार्रवाई ने तस्करों की कमर तोड़ दी है। एसटीएफ के अधियान से नक्सलियों को भी बड़ा झटका लगा है, क्योंकि ज्यादातर गांजे की खेती नक्सल प्रभावित जिलों और क्षेत्रों में होती है। अक्सर यह इलाका दुर्गम होता है, जिससे किसी की नजर नहीं पड़ती है। नक्सलियों का आर्थिक स्रोत का बड़ा जरिया होता है।

जानकारी के अनुसार, ओडिशा में साल 2020-21 में 23,537 एकड़ में गाजे की खेती को नष्ट किया गया है। देश में इतनी बड़ी मात्रा में गांजा की खेती नष्ट अब तक किसी भी राज्य में नहीं हुई है। इस संदर्भ में दैनिक जागरण से बात करते हुए एसटीएफ के आरक्षी उप महानिरीक्षक जयनारायण पंकज ने कहा कि ओडिशा में ड्रग्स माफिया का सफाया हमारा बड़ा लक्ष्य है। पंकज ने जांच के पाये गये तथ्यों के आधार पर कहा कि राज्य में युवा एवं बच्चे ड्रग्स माफियाओं के निशाने पर हैं, उन्होंने बताया कि ओडिशा में साल 2017-18 में 4632 एकड़, 2018-19 में 11,627 एकड़, 2019-20 में 18,294 एकड़ तथा 2020-21 में 23,537 एकड़ में फैली गांजे की पैदावर नष्टकी गयी है। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा एक रिकॉर्ड स्तर पर है, जो भारत के किसी भी राज्य द्वारा अब तक की गयी कार्रवाई में सबसे अधिक है।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में होती है खेती

ओडिशा में गांजे की खेती सबसे अधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और जिलों में होती है। एसटीएफ के आरक्षी उप महानिरीक्षक जयनारायण पंकज ने कहा कि ओडिशा में मुख्य रूप से गांजे की खेती मालकानगिरि, कोरापुट, रायगड़ा, गजपति, कंधमाल, बौध जिलों में सबसे अधिक होती है। उन्होंने बताया कि यह सभी नक्सल प्रभावित होने के साथ-साथ वन-जंगल बहुल इलाके हैं। ये क्षेत्र दुर्गम होने के कारण पुलिस प्रशासन की सामान्य पहुंच से दूर होते हैं। इसलिए यहां गांजे खेती अधिक की जाती है। एसटीएफ के आरक्षी उप महानिरीक्षक ने बताया कि गांजा अधिक होने के कारण के पीछे मौसम का भी बड़ा योगदान है। पंकज ने बताया कि ओडिशा और आंध्रप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में जो मौसम होता है, वह गांजे की खेती के लिए अनुकूल होता है।

गांजे की खेती के लिए कुछ ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं करनी पड़ती है। ओडिशा के गांजे की आपूर्ति आंध्रप्रेदश, यूपी, बिहार, राजस्थान आदि राज्यों में की जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य में गांजे की खेती और नष्ट करने तथा युवाओं और बच्चों को बचाने के लिए राज्य सरकार के कानून के तहत कड़ी कार्रवाई किये जाने के साथ-साथ जागरुकता भी फैलायी जा रही है। तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई करने के साथ ही लोगों और बच्चों कोजागरुक करते हुए इससे दूर रहने को कहा जा रहा है। विद्यालयों और गांवों में जागरुकता फैलायी जाती है।

ट्रक और पानी टैंकर का तस्करी में प्रयोग

गांजे की तस्करी में ट्रक और पानी के टैंकर का प्रयोग ज्यादा किया जा रहा है। पंकज ने बताया कि ट्रकों में गुप्‍त चैंबर बने होते हैं। जब ट्रक अधिक जब्त होने लगे तो तस्करों ने पानी के ट्रैंकरों का प्रयोग भी करना शुरू कर दिया है। कार्रवाई को देखते हुए गांजा तस्कर भी वाहनों के प्रयोग को लेकर नये-नये प्रयोग करते रहते हैं।

2020 में 1549.80 क्विंटल गांजा बरामद

एसटीएफ के आरक्षी उप महानिरीक्षक जयनारायण पंकज ने कहा कि राज्य में साल 2020 में 1549.80 क्विंटल गांजा बरामद किया गया है। साल 2019 में 618.15 क्विंटल, 2018 में 523.89 क्विंटल, साल 2017 में 304.3 क्विंटल गांजा बरामद किया गया है। इतनी बड़ी सफलता के लिए पंकज ने एसटीएफ तथा ओडिशा पुलिस के उन सभी जवानों और अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि राज्य में ड्रग्स तस्करों का सफाया करने में कोई भी कोर-कसर नहीं छोड़ा जाएगा।

नक्सलियों और तस्करों से मुख्यधारा में जुड़ने का आह्वान

पंकज ने नक्सलियों और तस्करों से अपराधिक गतिविधियां छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अपराध का रास्त जेल की कोठरी की ओर ले जाएगा। इस रास्ते पर चलने से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है। इसलिए आप सभी कुछ छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़कर सामान्य नागरिक का जीवन-यापन करें। 

chat bot
आपका साथी