Haider Encounter Case: हैदर एनकाउंटर मामले में ओडिशा मानवाधिकार आयोग ने तलब की रिपोर्ट

Haider Encounter Case ओडिशा मानवाधिकार आयोग ने हैदर एनकाउंटर मामले में बारीकी से जांच करने का निर्देश देने के साथ ही गृह विभाग पुलिस डीजी जेल डीजी ट्विन सिटी के पुलिस कमिश्नर अतिरिक्त मुख्य सचिव को रिपोर्ट तलब की है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 07:13 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 07:13 PM (IST)
Haider Encounter Case: हैदर एनकाउंटर मामले में ओडिशा मानवाधिकार आयोग ने तलब की रिपोर्ट
हैदर एनकाउंटर मामले में ओडिशा मानवाधिकार आयोग ने तलब की रिपोर्ट। फाइल फोटो

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। गैंगस्टर हैदर एनकाउंटर मामले में ओडिशा मानवाधिकार आयोग ने खुद अपनी तरफ से हस्तक्षेप करते हुए संज्ञान लिया है। मीडिया रिपोर्ट को आधार कर आयोग ने रिपोर्ट तलब की है। राज्य मानवाधिकार आयोग ने हैदर एनकाउंटर मामले में बारीकी से जांच करने का निर्देश देने के साथ ही गृह विभाग, पुलिस डीजी, जेल डीजी, ट्विन सिटी के पुलिस कमिश्नर, अतिरिक्त मुख्य सचिव को रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने आगामी छह सितंबर तक जांच रिपोर्ट दाखिल करने को निर्देश जारी किया है। गौरतलब है कि 24 जुलाई को पुलिस ने बालेश्वर जिले के सिमुलिया के पास हैदर का एनकाउंटर किया था। चौद्वार जेल से बारीपदा जेल को हैदर को लिया जा रहा था। आधे रास्ते में ही हैदर पेशाब करने के बहाने भागने का प्रयास किया था और पुलिस एनकाउंटर में वह मारा गया था।

हैदर पुलिस से एके-47 राइफल छीनने का प्रयास कर रहा था, इसके बाद पुलिस ने उस पर गोली चलाने की रिपोर्ट बालेश्वर जिला के सिमुलिया थाने में दर्ज की गई है। हैदर को एस्कॉर्ट कर लेकर जा रहे थाना अधिकारी गंगाधर सासेनी ने सिमुलिया थाने में यह रिपोर्ट दर्ज कराई है। रिपोर्ट में लिखा गया कि सिमुलिया में पेशाब करने के लिए हैदर ने कहा। ऐसे में एक गार्ड उसे पेशाब कराने को लेकर गया और उसके एक हाथ का हैंड कैप खोल दिया गया। इसका लाभ उठाकर हैदर ने गार्ड से एके-47 छीन ली और पुलिस की तरफ दिखाकर धमकाने लगा। 

गौरतलब है कि ओडिशा में केंद्रपाड़ा जिले का रहने वाला सेक हैदर की अपराध की दुनिया में प्रवेश करने की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है। कभी रिक्शा चलाकर अपना व अपने परिवार का पेट पालने वाला सेक हैदर धीरे-धीरे ओडिशा के अपराध की दुनिया का बादशाह बन बैठा। उसके खौफ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जेल में रहने के बाद भी अपराध की दुनिया में उसका नेटवर्क बदस्तूर जारी रहा। 1980 से पहले रिक्शा चलाने वाले सेक हैदर को जल्दी में पैसा कमाकर बड़ा आदमी बनने का भूत सवार हुआ और वह उस समय के प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर टीटो व सुलेमान से हाथ मिला बैठा। इसके बाद सेक हैदर ने कई आपराधिक घटनाओं को धड़ल्ले से अंजाम दिया।

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