Odisha Bandh: ओडिशा बंद का मिला जुला असर, खुले रहे स्कूल कालेज; आवागमन प्रभावित

Odisha Bandh पूरे राज्य में ओडिशा बंद का मिला जुला असर देखने को मिला, यातायात सेवा पर बंद का अधिक असर देखेन को मिल रहा है।

By BabitaEdited By: Publish:Thu, 21 Feb 2019 12:07 PM (IST) Updated:Thu, 21 Feb 2019 12:07 PM (IST)
Odisha Bandh: ओडिशा बंद का मिला जुला असर, खुले रहे स्कूल कालेज; आवागमन प्रभावित
Odisha Bandh: ओडिशा बंद का मिला जुला असर, खुले रहे स्कूल कालेज; आवागमन प्रभावित

भुवनेश्वर, जेएनएन। Odisha Bandh राजधानी भुवनेश्वर समेत पूरे राज्य में नव निर्माण किसान संगठन के आह्वान पर ओडिशा बंद का मिला जुला असर पूरे राज्य में देखने को मिला है। एक तरफ जहां स्कूल कालेज खुले रहे तो वहीं दूसरी तरफ राजधानी में कुछ जगहों पर दुकान बाजार बंद दिखे तो कुछ जगहों पर दुकान बाजार खुले रहे। बंद के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित यातायात सेवा हुई है, जिससे लोगों को कई प्रकार की असुविधा का सामना करना पड़ा है। 

संगठन के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न जिला मुख्यालय के सदर महकमा में विरोध प्रदर्शन करने के साथ राज्य से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजपथ तथा अन्य मार्ग पर बस, ट्रक एवं कार तथा अन्य परिवहन सेवा को ठप कर दिया। कुछ जगहों पर रेल सेवा को भी प्रदर्शनकारियों ने ठप कर दिया। 

 जानकारी के मुताबिक प्राइस (मूल्य), प्रेस्टिज (सम्मान) एवं पेंशन (भत्ता) की मांग को लेकर नवनिर्माण किसान संगठन की तरफ से बुलाए गए इस बंद को कांग्रेस एवं भाजपा ने भी समर्थन किया था। इससे इस बंद का मिलाजुला असर राजधानी भुवनेश्वर में भी देखने को मिला है। 

भुवनेश्वर में पटिया-नंदनकान मार्ग पर संगठन के सदस्य सुबह-सुबह टायर जलाकर मार्ग को अवरोध कर दिए। इसके बाद पुलिस वहां पहुंची और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा सुबह करीबन 9:30 बजे सचिवालय के सामने बाइक रैली निकालकर प्रदर्शन कर रहे संगठन केसदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 

इसके साथ पुलिस डोजर लगाकर बाइक को थाना ले गई। राजधानी में राजमहल चौक के पास प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने तुरन्त हिरासत में ले लिया। भद्रक जिला में 16 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग को प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर अवरूद्ध कर दिया, जिससे मार्ग के दोनों तरफवाहनों की कतार लग गई। पुलिस मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करते हुए यातायात को सामान्य किया। 

संगठन की तरफ से कहा गया है कि बार बार आन्दोलन करने के बावजूद किसानों की मांग पूरी नहीं की जा रही है। जब भी संगठन की तरफ से आन्दोलन का आह्वान दिया गया, सरकार ने उसे प्रशासन के बल पर विफल कर दिया। पुलिस लगाकर किसानों को गिरफ्तार कर लिया जा रहा है। किसानों को अपनी बात रखने एवं आन्दोलन करने के अधिकार को राज्य सरकार छीन रही है। इससे हम मजबूर होकर आन्दोलन पर उतरे है। संगठन ने कहा है कि चुनाव आचरण विधि लागू होने से पहले धान का सर्वनिम्न मूल्य 2930 रुपये प्रति कुण्टल करने, किसानों को पेंशन देने की व्यवस्था करने जैसी मांग को लेकर यह बंद बुलाया गया है।

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