श्रीमंदिर के विकास एवं श्रीजगन्नाथ जी के कार्य को कोई भी बंद नहीं कर पाएगा, रद हो एनएमए विज्ञप्ति: सीएम नवीन पटनायक
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा है कि एनएमए का प्रस्तावित अधिनियम रद होना चाहिए। श्रीमंदिर के विकास एवं महाप्रभु जी के कार्य को कोई भी बंद नहीं कर पाएगा। मुख्यमंत्री ने मंदिर प्रोजेक्ट के लिए जिन लोगों ने जमीन दी है उनके प्रति आभार प्रकट किया है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय स्मारिकी प्राधिकर (एनएमए) द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति का विरोध करते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा है कि एनएमए का प्रस्तावित अधिनियम रद होना चाहिए। श्रीमंदिर के विकास एवं श्री जगन्नाथ जी के कार्य को कोई भी बंद नहीं कर पाएगा। प्रस्तावित अधिनियम को केन्द्र सरकार तुरन्त वापस ले। कोरोना काल के बाद पहली बार श्रीजगन्नाथ धाम में पहुंचे ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए उक्त बातें कही है।
जानकारी के मुताबिक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री नवीन पटनायक हेलीकाप्टर के जरिए पुरी पहुंचे। हेलीकाप्टर से वह कार के जरिए श्रीमंदिर के सम्मुख बड़दांड पहुंचे। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बड़दांड में पहुंचते ही जय जगन्नाथ की ध्वनि से उनका स्वागत किया गया। बड़दांड में मौजूद भक्तों का हाथ हिलाकर अभिवादन करते हुए मुख्यमंत्री श्रीमंदिर में प्रवेश किए। गर्भ गृह में पहुंचकर उन्होंने महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी का दर्शन करते हुए महाप्रभु का आशीर्वाद लिए और श्रीमंदिर के सेवकों के साथ भी चर्चा की।
महाप्रभु का दर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री जब बाहर निकले तब उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एनएमए को प्रस्तावित अधिनियम विज्ञप्ति को रद करना होगा। श्रीमंदिर के विकास एवं महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के कार्य को कोई भी बंद नहीं कर पाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्रीजगन्नाथ मंदिर के चारों तरफ हो रहे विकास कार्य एवं सौंदर्यीकरण कार्य में भक्तों के योगदान की सराहना की है। मुख्यमंत्री ने मंदिर प्रोजेक्ट के लिए जिन लोगों ने जमीन दी है, उनके प्रति आभार प्रकट किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में प्रदेश भर के लोगों से मिले सहयोग की भी सराहना की। मुख्यमंत्री के पुरी दौरे के समय उनके साथ फाइव टी सचिव वी.के.पांडियन एवं पुरी के जिलाधीश समर्थ वर्मा प्रमुख उपस्थित थे।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण द्वारा जारी विज्ञप्ति में श्रीमंदिर को मुसलमान की समाधि एवं स्मारिकी को एक समान रूप से दर्शाया गया है। ओडिशा में जगन्नाथ चलंति ठाकुर के रूप में परिचित हैं ऐसे में एनएमए के इस कार्य का पूरे प्रदेश में विरोध हो रहा है। समाधि, कब्रखाने का किस प्रकार से एक जीवंत मंदिर के साथ तूलना की गई है, उस पर सवाल उठाए जा रहे हैं।