जुर्माना से बचने यतीश ने अपना ली घोड़े की सवारी
नए मोटरयान कानून की चर्चा न सिर्फ ओडिशा बल्कि पूरे देश में चल रही है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : नए मोटरयान कानून की चर्चा न सिर्फ ओडिशा बल्कि पूरे देश में चल रही है। यातायात नियम उल्लंघन पर लगाए गए जुर्माना का डर इस कदर लोगों में घर कर गया है कि अब इससे बचने के लिए लोग धीरे-धीरे पुराने युग में लौटना शुरू कर दिया है। जुर्माना वसूलने का आलम यह हो गया है कि कार चालक हेलमेट के लिए तो बाइक चालक को सीट बेल्ट के लिए जुर्माना की रसीद कट जा रही है। ऐसे में इन तमाम झंझावतों से बचने के लिए ओडिशा के मलकानगिरी शहर में रहने वाले यतीश मिस्त्री ने गाड़ी छोड़कर घोड़े की सवारी को अपना लिया है।
दरअसल, यतीश ने पहले एक बाइक खरीदी थी। इसी से वह बाजार आना-जाना तथा बच्चों को स्कूल छोड़ने का काम किया करते थे। इसी बीच बीते एक सितंबर को देश के साथ प्रदेश में भी नया मोटरयान कानून लागू हो गया जिसमें यातायात नियम उल्लघंन पर भारी भरकम जुर्माना के साथ सजा तक का प्रावधान किया गया है। ऐसे में यतीश ने अब बाइक चलाना छोड़ दिया है। शहर में चलने के लिए उन्होंने शाही सवारी घोड़ा चुना है। दूर की यात्राएं वह सार्वजनिक वाहन से करते हैं। हालांकि यतीश ने बाइक खरीदी है, पर अब वह कहते हैं कि नये मोटरयान कानून के कड़े प्रावधान में वह फंसना नहीं चाहते हैं। इसीलिए शहर के भीतर रोजमर्रा के कामकाज के लिए वह घोड़े की सवारी करेंगे। राशन, सब्जी आदि खरीदने, बच्ची को स्कूल छोड़ने, लोगों से मिलने-जुलने के लिए घर से बाहर अब घोड़े से जाते हैं। वह घोड़े की सवारी अच्छी मानते हैं। वह कहते हैं कि न उन्हें लाइसेंस की जरूरत है और ना ही ईधन भराने की। न उन्हें हेलमेट पहनने की जरूरत है और न ही प्रदूषण प्रमाणपत्र की। बताया कि 23 हजार रुपये में हमने घोड़ा खरीदा है और यह घोड़ा ही मेरे लिए बाइक का काम करता है। अपनी इस नई सवारी के चलते यतीश मलकानगिरी जिले के साथ शहर में चर्चा में आ गए हैं। बाजार घोड़े से जब वह कुछ सामान खरीदने जाते हैं या फिर बच्चे को स्कूल से लेने जाते हैं तो उन्हें देखने के लिए लोगों की खासी भीड़ जम जाती है। यतीश अपने इस बदलाव के जरिए यातयात के नए नियम से भी बच जा रहें हैं और अपना काम भी आसानी से निपटा ले रहे हैं।