मेहनताना न मिलने से दुखी महारणा सेवकों की श्रीमंदिर प्रशासन को धमकी

महारणा सेवकों ने श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासक को धमकी दी है कि अगर दो दिन में मेहनताना नहीं मिला तो रथ खोलने का कार्य बंद करना होगा।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 11:05 AM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 11:05 AM (IST)
मेहनताना न मिलने से दुखी महारणा सेवकों की श्रीमंदिर प्रशासन को धमकी
मेहनताना न मिलने से दुखी महारणा सेवकों की श्रीमंदिर प्रशासन को धमकी

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। दो दिन में मेहनताना (प्राप्य) नहीं मिला तो रथ खोलने का कार्य बंद कर देने की चेतावनी श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासक को पत्र लिखकर श्रीमंदिर के महारणा सेवकों ने दी है। देवी सुभद्रा के रथ के चार द्वार खोलने के बाद प्राप्य को लेकर इस तरह की जिद पर मुख्य महारणा सेवक अड़ गए हैं। 

जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमण के कारण इस बार बिना भक्तों के महाप्रभु की ऐतिहासिक रथयात्रा सम्पन्न की गई थी। ऐसे में इस साल तीनों रथों को तोड़ने के बदले भक्तों के लिए संरक्षित रखने का निर्णय श्रीमंदिर प्रशासन की तरफ से लिया गया। इस निर्णय के तहत महाप्रभु के प्रमोद उद्यान जगन्नाथ बल्लभ मठ परिसर में तीनों रथों को खोलकर सुरक्षित रखा जाना है, जिसकी प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। हालांकि इस बीच महारणा सेवकों ने रथ खोलने की प्रक्रिया में असहयोग करने की चेतावनी दी है। 

 सेवकों का कहना है कि हर साल रथ तोड़े जाने पर उन्हें रथ की लकड़ियों के नीलामी के बाबद अच्छी खासी रकम मिल जाती थी। इस साल रथ को संरक्षित रखा जा रहा है। इससे उनका भारी नुकसान हो रहा है, ऐसे में रथ की लकड़ियों की नीलमी ना होने से हमारा जो नुकसान हो रहा है, उसके बाद हमें क्षतिपूरण दिया जाना चाहिए। इसके अलावा भी और कुछ पैसा हमारा श्रीमंदिर के ऊपर बकाया है।

 इस संबन्ध में तीनों रथों के मुख्य महारणा ने श्रीमंदिर मुख्य प्रशासक को स्मारकपत्र प्रदान किया है। मुख्य महारणा ने कहा है कि यदि हमारा प्राप्य हमें नहीं मिला तो रथ खोलने की प्रक्रिया में हम सहयोग नहीं करेंगे। ऐसे में अब रथ खोलने की प्रक्रिया वाधित होने की सम्भावना बढ़ गई है। गौरतलब है कि वर्तमान समय तक केवल देवि सुभद्रा जी के दर्प दलन रथ को खोलने की ही अंतिम चरण में पहुंच पायी है।

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