Jagannath Puri Rath Yatra 2020: स्नान के कारण हुआ बुखार, क्‍वारंटाइन में गए महाप्रभु श्रीजगन्नाथ

Jagannath Puri Rath Yatra 2020 पवित्र देव स्नान पूर्णिमा के दिन अत्यधिक स्नान के बाद बीमार हुए श्री जगन्नाथ जी आज से 15 दिन के लिए अणवसर गृह अर्थात एकांतवास में चले गए हैं।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 01:34 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 01:34 PM (IST)
Jagannath Puri Rath Yatra 2020: स्नान के कारण हुआ बुखार, क्‍वारंटाइन में गए महाप्रभु श्रीजगन्नाथ
Jagannath Puri Rath Yatra 2020: स्नान के कारण हुआ बुखार, क्‍वारंटाइन में गए महाप्रभु श्रीजगन्नाथ

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के कारण बीमार व्यक्ति को भले ही आज 15 दिन के लिए क्‍वारंटाइन सेंटर में भेजा जा रहा है, मगर महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी ने सदियों पहले ही बुखार होने के बाद जगत के कल्याण के लिए अपने आप को सबसे अलग कर लिया था और आज भी महाप्रभु ने वही किया है।

जानकारी के मुताबिक पवित्र देव स्नान पूर्णिमा के दिन अत्यधिक स्नान करने के कारण महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी को बुखार हो गया। ऐसे में महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी आज से 15 दिन के लिए अणवसर गृह अर्थात एकांतवास में चले गए हैं। एकांतवास में ही अब महाप्रभु की गुप्त सेवा की जा रही है और उनका इलाज किया जा रहा है। तीनों ठाकुर महाप्रभु श्रीजगन्नाथ, प्रभु बलभद्र एवं देवी सुभद्रा एकांतवास में रहे हैं। उसी तरह से श्रीमंदिर में प्रवेश पर रोक लगने से सिंहद्वार के बाहर से ही भक्तों को दर्शन दे रहे हैं, पतितपावन के स्थान पर नारायण के पट्टी दिअं की पूजा की जा रही है। 

 यहां उल्लेखनीय है कि स्नानपूर्णिमा के दिन महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी को 108 घड़ा सुगंधित जल से स्नान कराया जाता है। इसके बाद महाप्रभु बीमार पड़ जाते हैं। बीमार पड़ने के बाद महाप्रभु का इलाज किया जाता है, जिसे अणवसर नीति कहते हैं। इस समय पुरी से करीबन 20 किमी. दूर ब्रह्मगिरी में अलारनाथ का दर्शन करने से प्रभु जगन्नाथ के दर्शन के बराबर भक्तों को पुण्य मिलने का रिवाज है।

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कोरोना महामारी के कारण केन्द्र एवं राज्य सरकार की तरफ से जारी सरकारी दिशा निर्देश का पालन करते हुए, बिना भक्तों के श्रीक्षेत्र धाम पुरी में भक्त वत्सल श्री जगन्नाथ जी की स्नान यात्रा सम्पन्न की गई। इसके बाद श्री विग्रहों का गजानन वेश अर्थात हाथी वेश किया गया। महाप्रभु के इन तमाम नीतियों का सीधा प्रसारण दूरदर्शन पर हुआ, घर से ही करोड़ों भक्तों ने स्नानयात्रा नीति के दर्शन किये।

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