ओडिशा में फिर शर्मसार हुई मानवता: मृतक महिला के शव को शववाहक गाड़ी तक पहुचाने को नहीं मिला कोई हाथ

ओडिशा के फुलवाणी के अस्पताल की घटना मृतक पत्‍नी के शव को शववाहक गाड़ी तक पहुचाने के लिए पति ने अस्पताल में उपस्थित लोगों से गुहार लगायी मगर किसी ने उसकी नहीं सुनी। अस्पताल का कोई भी कर्मचारी सामने नहीं आया।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Fri, 02 Jul 2021 01:21 PM (IST) Updated:Fri, 02 Jul 2021 01:21 PM (IST)
ओडिशा में फिर शर्मसार हुई मानवता: मृतक महिला के शव को शववाहक गाड़ी तक पहुचाने को नहीं मिला कोई हाथ
ओडिशा के फुलवाणी जिले के मुख्य अस्पताल की शर्मसार करने वाली घटना

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार लाने के लिए ओडिशा सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को 5टी में शामिल किया है। हालांकि स्थिति जस की तस बनी हुई है। सरकारी अस्पताल में मरीज सेवा को लेकर अभी भी आरोप-प्रत्यारोप की लम्बी फेहरिश्त आए दिन देखने को मिल रही है। अब ऐसी ही एक स्थिति ओडिशा के फुलवाणी नगर निगम क्षेत्र के मुख्य अस्पताल से सामने आयी है जिसने न सिर्फ व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है बल्कि मानवता को भी शर्मसार किया है। जिला मुख्य अस्पताल में एक शव को उठाने के लिए अस्पताल का कोई भी कर्मचारी सामने नहीं आया।

मृतक महिला के पति ने अस्पताल में उपस्थित लोगों से गुहार लगायी मगर किसी ने उसकी नहीं सुनी। अंत में महिला के पति ने अपनी पत्‍नी के शव को अकेले उठाकर अस्पताल के बेड से अस्पताल के बाहर खड़ी शववाहक गाड़ी में ले गया। वहां मौजूद डाक्टर, अस्पताल के कर्मचारी एवं लोग सभी मूक दर्शक बने रहे। यह घटना जब सामने आयी है तो फिर फुलवाणी के मुख्य चिकित्सालय के एडीएमओ डा. अभय पटनायक ने कहा है कि मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मिली जानकारी के मुताबिक कंधमाल जिले के फिरिंगिया ब्लाक मोतीडिंगआ गांव के बालकृष्ण कहंर एमेनिया बीमारी से पीड़ित अपनी पत्‍नी को इलाज के लिए 29 जून को फुलवाणी मुख्य अस्पताल लाए थे। यहां इलाज के दौरान 30 जून को उनकी पत्‍नी की मृत्यु हो गई। बेड पर पड़ी मृतक पत्‍नी को शववाहक गाडी में ले जाने के लिए बालकृष्ण ने वहां पर उपस्थित सभी से विनती की मगर किसी ने एक न सुनी। मेडिकल कर्मचारियों ने भी शव को हाथ नहीं लगाया। यहां तक कि उनके छोटे बच्चों को भी किसी ने हाथ नहीं लगाया।

सबसे विनती कर निराश होने के बाद बालकृष्ण वार्ड से सीढ़ी के रास्ते अकेले ही पत्‍नी के शव को उठाकर नीचे लाए। सीढ़ी से शव को नीचे लाने के बाद एक स्ट्रेचर के जरिए शव को वह शववाहक गाड़ी तक ले गए। मेडिकल के भरोसे आने वाले मरीजों की मदद यदि मेडिकल के ही कर्मचारी नहीं करेंगे तो उनके परिवार वालों को किस तरह की परेशानी उठानी पड़ेगी इसका जीता जागता उदाहरण फुलवाणी जिले के मुख्य अस्पताल में देखने को मिला है।

यह घटना सामने आने के बाद लोगों ने इस पर जब कड़ी नाराजगी जतायी तो फिर फुलवाणी अस्पताल के एडीएमो डा. अजय पटनायक ने घटना को स्वीकार करते हुए कहा है कि ड्यूटी में रहने वाली नर्स तथा हेल्प डेस्क कर्मचारी को मदद करनी चाहिए थे। उन्‍होंने क्यों मदद नहीं की, अपने दायित्व को क्यों नहीं निभाया, इस संदर्भ में उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण मिलने के बाद उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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