पुरी जगन्नाथ मंदिर की मरम्मत को लेकर उच्च स्तरीय बैठक, पुरातत्व विभाग ने मंदिर प्रशासन को लिखा पत्र
Puri Jagannath Temple पुरी श्री जगन्नाथ मंदिर की मरम्मत को लेकर जगन्नाथ मंदिर के प्रशासक भारतीय पुरातत्व विभाग (Archaeological Department) के डीजी एवं तकनीकी कमेटी के विशेषज्ञों के मध्य एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। जगन्नाथ मंदिर में कई जगह पर दरार आ गई है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। पुरी श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा के दौरान 9 दिन का समय पुरातत्व विभाग को मंदिर के मरम्मत के लिए मिलता है। इस बार पुरातत्व विभाग ने समय से पहले ही जगन्नाथ मंदिर के मरम्मत को लेकर एक आकलन आरंभ कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जगन्नाथ मंदिर में कई जगह पर दरार आ गई है। महालक्ष्मी तथा माता विमला के मंदिर में से पानी का रिसाव भी होता है। पुरातत्व विभाग पर जगन्नाथ मंदिर के रखरखाव का उत्तरदायित्व है मगर विभाग द्वारा सही ढंग से काम ना करने की बात सामने आती रही है।
शनिवार को जगन्नाथ मंदिर के प्रशासक भारतीय पुरातत्व विभाग के डीजी एवं तकनीकी कमेटी के विशेषज्ञों के मध्य एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक के बाद निर्णय लिया गया है कि रथयात्रा के दौरान जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह सहित नाट्य मंदिर, जगमोहन, महालक्ष्मी मंदिर, बिरला मंदिर, कोइली बैकुंठ, मेघनाद प्राचीर का मरम्मत कार्य किया जाएगा।
पुरातत्व विभाग ने जगन्नाथ मंदिर प्रशासन को पत्र लिखकर मंदिर के मरम्मत हेतु आवश्यक होने वाले खंडो लाइट पत्थर मुहैया कराने का आग्रह किया है। 3 जून को पुरातत्व विभाग द्वारा लिखे गए पत्र में जगन्नाथ मंदिर के विभिन्न मरम्मत कार्य हेतु 41 क्यूबिक मीटर खंडो लाइट पत्थर की आवश्यकता होने की संभावना जताई गई है।