Odisha: हैदर इस तरह रिक्शा चालक से अपराध की दुनिया का बन गया था बादशाह

Odisha कभी रिक्शा चलाकर अपना व अपने परिवार का पेट पालने वाला सेक हैदर धीरे-धीरे ओडिशा के अपराध की दुनिया का बादशाह बन बैठा। उसके खौफ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जेल में रहने के बाद भी अपराध की दुनिया में नेटवर्क बदस्तूर जारी रहा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 09:24 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 09:24 PM (IST)
Odisha: हैदर इस तरह रिक्शा चालक से अपराध की दुनिया का बन गया था बादशाह
हैदर इस तरह रिक्शा चालक से अपराध की दुनिया का बन गया बादशाह। फाइल फोटो

भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। ओडिशा में केन्द्रापड़ा जिले का रहने वाला सेक हैदर की अपराध की दुनिया में प्रवेश करने की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है। कभी रिक्शा चलाकर अपना व अपने परिवार का पेट पालने वाला सेक हैदर धीरे-धीरे ओडिशा के अपराध की दुनिया का बादशाह बन बैठा। उसके खौफ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जेल में रहने के बाद भी अपराध की दुनिया में उसका नेटवर्क बदस्तूर जारी रहा। 1980 से पहले रिक्शा चलाने वाले सेक हैदर को जल्दी में पैसा कमाकर बड़ा आदमी बनने का भूत सवार हुआ और वह उस समय के प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर टीटो व सुलेमान से हाथ मिला बैठा। इसके बाद सेक हैदर ने कई आपराधिक घटनाओं को धड़ल्ले से अंजाम दिया।

पूरे प्रदेश में इसके नाम की दहशत फैल गई। फिर इसकी टीटो व सुलेमान गैंग से मनमुटाव और इसने अपनी गैंग बनाकर अपराध के जगत में अपनी पकड़ और मजबूत कर ली। इसके बाद वह बालू टेंडर फिक्सिंग, टेंडर फिक्सिंग, हत्या, लूट जैसी, हथियार का कारोबार जैसी आपराधिक घटनाओं को धड़ल्ले अंजाम देने लगा। इसी बीच, उसने 2005 में भुवनेश्वर स्टूअर्ट स्कूल के पास गैंगस्टर सेक सुलेमान के भाई सेक चुना उर्फ मलिक हनन की हत्या कर दी और फिर राज्य के बाहर फरार हो गया। पुलिस ने नागपुर से गिरफ्तार किया और इस मामले में हैदर के साथ अन्य सात लोगों को अदालत ने दोषी साबित किया। अदालत ने 2011 में उसे आजीवन कारावस की सजा सुनाई। जेल से ही हैदर ने 2008 में खदान मालिक रश्मि रंजन महापात्र की हत्या साजिश रचकर हत्या करा दी। इस मामले में भी उसे 2015 आजीवान कारावास की सजा हुई।

इसके बाद से वह भुवनेश्वर झारपड़ा जेल में सजा काट रहा था। 2017 में हैदर को संबलपुर सर्कल जेल को भेजा गया। 2021 में अस्वस्थ हो जाने पर उसे बुर्ला मेडिकल में इलाज के लिए भर्ती किया गया। वहां पर उसे स्वास्थ्य में सुधार ना होने पर उसे कटक एससीबी मेडिकल को स्थानांतरित कर दिया गया था। पिछले 23 मार्च को संबलपुर जेल से उसे कटक बड़ा मेडिकल अस्पताल लाया गया था। हालांकि 10 अप्रैल को अपराह्न चार बजे के करीब वह कटक मेडिकल से फरार हो गया। 120 घंटे के आपरेशन के बाद तेलेंगाना के संगारेड्डी जिले से उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया। इसके बाद उसे हैदराबाद से भुवनेश्वर लाया गया व कोर्ट में हाजिर करने के बाद चौद्वार जेल भेज दिया गया था। तभी से वह चौद्वार जेल में रह रहा था। शनिवार को उसे सुरक्षा के मद्देनजर बारीपदा जेल को स्थानांतरित किया जा रहा था। इसी दौरान उसने पुलिस की बंदूक छीनकर फरार होने की कोशिश की तो पुलिस ने मुठभेड़ में उसे मार गिराया।  

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