GST SCAM: राउरकेला में जीएसटी धोखाधड़ी, मजदूर के नाम फर्जी खाता खोल 12 करोड़ की ठगी

ओडिशा के राउरकेला में अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में एक और मजदूर के नाम पर फर्जी खाता खोलकर 12 करोड़ की जीएसटी ठगी का मामला सामने आया है इससे पूर्व जामिनीकांत नामक मजदूर का खाता खोल किया जा चुका है 30 करोड़ के जीएसटी का गबन।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 01:01 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 01:01 PM (IST)
GST SCAM: राउरकेला में जीएसटी धोखाधड़ी, मजदूर के नाम फर्जी खाता खोल 12 करोड़ की ठगी
राउरकेला में मजदूर का फर्जी खाता खोल 12 करोड़ की जीएसटी ठगी

राउरकेला, जागरण संवाददाता। इस्पात शहर में जीएसटी धोखाधड़ी की जड़ें काफी लंबी हैं। अकेले राउरकेला  शहर में 1,500 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी हुई है। करोड़ रुपए ठग कर अब तक सात जीएसटी के घोटालेबाज जेल की हवा खा चुके है। जबकि दो नामजद आरोपी फरार चल रहे है। इस योजनाबद्ध ठगी में कई बैंकों के कर्मचारी व अधिकारियों के संलिप्त होने का संदेह किया जा रहा है। जीएसटी के खुफिया विभागों ने  भी इसे लेकर अपनी छानबीन जारी रखी हुई है। हाल ही में एक और श्रमिक के नाम पर एक फर्जी कंपनी खोलकर 12 करोड़ का जीएसटी घोटाला किए जाने की बात सामने आने से सनसनी फैल गयी है। यह फर्जी खाता भी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में मिड-टाउन शाखा में खोला गया था। 

  11.85 करोड़ का जीएसटी गबन

 बिस्वजीत तांडिया शहर के एक बस्ती इलाके में रहता है। वह एक मजदूर के रूप में काम करता है। हालांकि उनके बिना जानकारी के बीटी मिनरल्स के नाम पर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के मिड टाउन शाखा में एक खाता (नं-004010001255) खोला गया था। खाता खोलते समय, पता शक्तिनगर 21/बी दर्शाया गया है। वास्तव में यह पता भी नकली है। शक्तिनगर क्षेत्र में यह पता है ही नहीं। खाता खोलने के लिए जो मोबाइल नंबर दिया गया है वह बिस्वजीत के पास है नहीं। जालसाजों ने अपनी धोखाधड़ी केवल यहीं तक सीमित नही रखी बल्कि उन्होंने खाता खोलने के लिए गलत दस्तावेजों के साथ एक हलफनामा दाखिल किया था। खाता खोलने के बाद से, 2017-18 में इस फर्जी खाते के माध्यम से लगभग 50 करोड़ रुपये का व्यापार कर 11.85 करोड़ रुपये का जीएसटी गबन किया गया है। 

  खाते की जांच ने चौका दिया

 खाते के बारे में संदेह पैदा होने पर जीएसटी सतर्कता विभाग जांच शुरु की गई थी। टीम जब जांच के लिए दिए गए पते पर गई तो उन्हें निराश लौटना पड़ा था। बाद में किसी तरह से जीएसटी की टीम ने बिस्वजीत को खोज निकाला था। हालांकि, पूछताछ में बिस्वजीत द्वारा दी गई जानकारी ने सभी को चौंका दिया। बिस्वजीत ने कहा कि वास्तव में वह धोखाधड़ी वाले खात, व्यापार और जीएसटी धोखाधड़ी के बारे में कुछ नहीं जानता था। अर्बन बैंक लेकर उसके हस्ताक्षर की जांच की गई, तो वह भी मेल नहीं खाया था।  उसने कहा कि वह एक दिन भी उक्त बैंक में नहीं गया था। बैंक द्वारा जारी चेकबुक और कोई आवश्यक दस्तावेज भी उसे नहीं मिला था। 

 नौकरी पाने के लिए दिए गए दस्तावेजों में जालसाजी 

बिस्वजीत ने संदेह व्यक्त किया कि नौकरी पाने की उम्मीद में कुछ साल पहले दिए गए दस्तावेजों के जरिए यह घोटाला किया गया था। बिस्वजीत ने बैंक के प्रबंधन बोर्ड से अपील की है कि जो भी इस में मामले में शामिल है उसकी कराई जाए। लेकिन बैंक प्रबंधन ने इसे लेकर कोई कार्यवाही नहीं की है। मामला अब जांच के दायरे में आने के बाद बैंक खाते को फ्रीज कर दिया गया है।

 फर्जी खातों के जरिए हुआ है जीएसटी गबन 

अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का यह एकमात्र मामला नहीं है, इसी तरह के बड़ी संख्या में फर्जी खातों के जरिए फर्जी कंपनियां बनाकर करोड़ों रुपये के जीएसटी का गबन किया गया है। सेक्टर -2 में रहने वाली आरएसपी  कॉन्ट्रैक्ट वर्कर जामिनीकांत नायक के नाम से फर्जी अकाउंट खोलकर करीब 30 करोड़ रुपये के जीएसपी फ्रॉड के मामले की जांच अभी भी जारी है। वहीं इतने सारे जाली खाते बनाते समय बैंक अधिकारियों का ध्यान नहीं जाना चर्चा का विषय बना हुआ है।

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