हाथियों की सुरक्षा को लेकर तत्पर हुई सरकार, जारी किया नया निर्देशनामा

ओडिशा में हाथी-मनुष्य संघर्ष शीर्ष पर पिछले 25 दिनों में राज्‍य में पांच से अधिक हाथियों की मौत हुई और सात लोगों की जान चली गई।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Sat, 27 Jun 2020 11:13 AM (IST) Updated:Sat, 27 Jun 2020 11:13 AM (IST)
हाथियों की सुरक्षा को लेकर तत्पर हुई सरकार, जारी किया नया निर्देशनामा
हाथियों की सुरक्षा को लेकर तत्पर हुई सरकार, जारी किया नया निर्देशनामा

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा में हाथी-मनुष्य संघर्ष शीर्ष पर पहुंच गया है। प्रत्येक सप्ताह कहीं न कहीं से हाथियों के मरने की सूचना मिल रही है। हालांकि केवल हाथियों का ही शिकार नहीं हो रहा है बल्कि मानव भी हाथियों का शिकार हो रहे हैं। स्थिति ऐसी हो गई है कि पिछले 25 दिनों में ओडिशा में 5 से अधिक हाथियों की मृत्यु हुई है जबकि 7 लोगों को जान गयी है। दिन प्रतिदिन स्थिति गम्भीर होने से राज्य सरकार की नींद गायब हो गई है। पिछले वर्षों में हाथी मानव संघर्ष को रोकने के लिए एकाधिक ब्लूप्रिंट बनाए गए मगर उसका कुछ खास लाभ नहीं मिला है। यही कारण है कि 2018-19 आर्थिक साल में 93 हाथियों की मौत होने के साथ हाथियों के हमले में 85 लोगों की जान गई है। 

हाथियों की गति​विधियों पर सरकार की नजर 

दिन प्रतिदिन परिस्थिति को ध्यान में रखकर अब एक बार फिर सरकार ने तृणमूल स्तर पर हाथियों की गति​विधि के ऊपर नजर रखने का निर्णय लिया है। इसके लिए पुन: एक निर्देशनामा जारी किया गया है। इस निर्दशनामे के मुताबिक प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) वन्यजंतु के कार्यालय से आरंभ कर रेंज दफ्तर तक कंट्रोल रूम खोला जाएगा। यह कंट्रोल रूम 24 घंटे खुले रहेंगे और काम करेंगे। 

 प्रत्येक रेंज के के हिसाब से हाथी की गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। रेंज आफिसर इसके दायित्व में रहेंगे। इन्हें आफिशियल मोबाइल नंबर दिया जाएगा। रेंज के दायित्व में जो रहेगा, उनके पास यह नंबर रहेगा। मोबाइल नंबर को रेंज क्षेत्र में व्यापक तौर पर लोगों के पास पहुंचाया जाएगा। विभागीय वेबसाइट के साथ लोगों के पास जिस प्रकार से यह नंबर पहुंचेगा, उस दिशा में कदम उठाए जाएंगे। हाथी एवं मानवजाति की सुरक्षा के लिए इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं।

डिवीजन स्तर पर खोला जाएगा कंट्रोल रूम

उसी तरह से डिवीजन स्तर पर भी एसीएफ के नेतृत्व में भी एक कंट्रोल रूम खोला जाएगा। उनके साथ एक रेंज अधिकारी, एक डिप्टी रेंजर, दो फारेस्टर एवं तीन फारेस्टर गार्ड रहेंगे। कंट्रोल रूम नंबर डिवीजन के सभी स्टाफ, रेंज अधिकारी, समीप के रेंजर अधिकारी, वन सरुक्षा समिति के अध्यक्ष एवं अन्य प्रमुख सदस्य के पास रहेगा। डिवीजन स्तर पर एक व्हाटसएप ग्रुप बनाया जाएगा। हाथियों से जुड़ी कोई भी खबर है तो तुरन्त डीएफओ को जानकारी देने के लिए कहा गया है। 

हाथी यदि ट्रेन लाइन, बिजली तार, राष्ट्रीय या राज्य राजमार्ग के पास हैं, लोगों पर हमला कर रही है, हाथी की मृत्यु या घायल होने की बात पते चलते ही डिवीजन कंट्रोल रूम को अवगत कराने को कहा गया है। डीएफओ के साथ कंट्रोल रूम का संपर्क रहेगा। यदि कोई महत्वपूर्ण सूचना है तो फिर कार्रवाई के लिए स्थानीय आरसीसीएफ एवं मुख्य कार्यालय के साथ संपर्क करना होगा। डिवीजन दफ्तर की तरह ही सर्कल दफ्तर भी 24 घंटे हाथियों की गतिविधि पर नजर रखेगा। आरसीसीएफ को इस कंट्रोल रूम के संचालन का दायित्व दिया गया है। पीसीसीएफ वन्यजंतु कार्यालय में भी एक कंट्रोल रूम खोला जाएगा। डीसीएफ को इस कार्यालय का दायित्व दिया गया है।

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