श्रीक्षेत्र धाम पुरी में नागा साधुओं का जमावड़ा: लंगुली मठ तोड़ने पर, धरना दे जतायी नाराजगी

श्रीमंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए चारों तरफ 75 मीटर परिधि में बने निर्माण को तोड़ रहा है प्रशासन इसी परिधि में लंगुली मठ आने से उसे भी तोड़ा जा रहा है जिसे लेकर नागा साधु धरने पर बैठ गये उत्‍तेजनापूर्ण स्थिति को देखते हुए पुलिस ने धरना खत्‍म करवाया।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 11:48 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 11:48 AM (IST)
श्रीक्षेत्र धाम पुरी में नागा साधुओं का जमावड़ा: लंगुली मठ तोड़ने पर, धरना दे जतायी नाराजगी
श्रीक्षेत्र धाम पुरी में लंगुली मठ तोड़ने से नागा साधु हुए नाराज

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। देश के विभिन्न राज्यों से आए नागा साधुओं ने श्रीक्षेत्र धाम पुरी में डेरा डाल दिया है। लंगुली मठ तोड़े जाने के प्रतिवाद में नागा साधुओं ने श्रीमंदिर के पास धरना देने के साथ ही मुख्यमंत्री के उद्देश्य से पुरी के जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा है। पुलिस ने जब नागा साधुओं को लंगुली मठ नहीं जाने दिया तो इससे नाराज देश भर से आए नागा साधू श्रीमंदिर के पास दोलवेदी कोणा मार्ग पर ही धरना पर बैठ गए। इससे कुछ समय के लिए वहां उत्तेजनापूर्ण स्थिति बन गई थी। हालांकि पुलिस द्वारा समझाए बुझाए जाने के बाद नागा साधुओं ने धरना खत्म किया।

नागा साधुओं ने लगाया आरोप 

जानकारी के मुताबिक श्रीमंदिर के चारों तरफ 75 मीटर की परिधि में निर्माण को प्रशासन की तरफ से तोड़ा जा रहा है। इसी के तहत लंगुली मठ को भी तोड़ा गया है। ठाकुर के बिजे स्थली एवं गद्दी को छोड़कर अन्य सभी निर्माण को तोड़ दिया गया है। लंगुली मठ को तोड़ दिए के बाद से ही नागा साधुओं को उस मठ के पास नहीं जाने दिया जा रहा है। नागा साधुओं ने आरोप लगाया है कि मठ के वर्तमान महंत नागा साधू नहीं है, इसका अनुध्यान करने के लिए नागा साधू मुख्य के साथ भारत के विभिन्न राज्य से नागा साधू पुरी आए हैं। 

 मठ संस्कृति की सुरक्षा की मांग

हालांकि इन नागा साधुओं को मठ के पास पुलिस नहीं जाने दे रही है। उसी तरह से परंपरा के मुताबिक नागा साधू लंगुली मठ धुणी गद्दी में विश्व के कल्याण के लिए धूणी जलाते हैं। इससे भी उन्हें वंचित किया जा रहा है। पहले की तरह लंगुली मठ को जाने के लिए अनुमति दिए जाने के साथ ही मठ संस्कृति की सुरक्षा करने की मांग करते हुए नागा साधुओं ने जिलाधीश को एक स्मारक पत्र दिया है।

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