बदहाल स्वास्थ्य सेवा: एम्बुलेंस के इंतजार में छटपटाते बुजुर्ग पिता ने तोड़ा दम

ओडिशा के गंजाम जिले से एक दर्दनाक घटना सामने आयी है यहां एम्बुलेंस के इंतजार में एक बुजुर्ग पिता छटपटाता रहा और उसकी मौत हो गयी।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 07:46 AM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 07:46 AM (IST)
बदहाल स्वास्थ्य सेवा: एम्बुलेंस के इंतजार में छटपटाते बुजुर्ग पिता ने तोड़ा दम
बदहाल स्वास्थ्य सेवा: एम्बुलेंस के इंतजार में छटपटाते बुजुर्ग पिता ने तोड़ा दम

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। बेटे के सामने छटपटाते हुए पिता की जान चली गई और बेटा एम्बुलेंस की बाट जोहते रह गया। यह दर्दनाक घटना प्रदेश के सबसे अधिक कोरोना से प्रभावित गंजाम जिले में घटी है। पिता की तबियत खराब होने परे बेटे ने एम्बुलेंस को फोन किया तो कभी एम्बुलेंस वाला फोन काट रहा था तो कभी कहा गया कि एम्बुलेंस नहीं है, 5 घंटे तक यही किस्सा चला। इस बीच बीमार पड़े बुजुर्ग पिता की एम्बुलेंस के इंतजार में छटपटा कर मौत हो गई। 

प्राप्त जानकारी के मुताबिक निरंजन बेहेरा नामक एक बुजुर्ग व्यक्ति की रविवार रात को तबियत खराब हो गई। सोमवार की सुबह उन्हें श्वास लेने में दिक्कत होने लगी। परिवार के लोग उन्हें बुगुड़ा मेडिकल ले गए। यहां पर उन्हें आक्सीजन दिया गया मगर स्वास्थ्य अवस्था गम्भीर होने से उन्हें बरहमपुर मेडिकल में भर्ती करने के लिए डाक्टरों ने सलाह दी। इसके बाद परिवार के लोगों ने 108 नंबर एवं 104 नंबर एम्बुलेंस को फोन किया। 104 नंबर एम्बुलेंस से जवाब मिला कि इस नंबर पर मौजूद एम्बुलेंस केवल कोविड संक्रमित मरीजों को ही लाने ले जाने का काम कर रही है। इसके बाद 108 नंबर एम्बुलेंस को फोन करने पर एम्बुलेंस उपलब्ध ना होने की बात कहकर बार-बार फोन को काट दिया गया। यहां तक कि मेडिकल परिसर में एक एम्बुलेंस होने के बावजूद उसमें आक्सीजन व्यवस्था ना होने से निरंजन को उससे नहीं लिया जा सका। परिणाम स्वरूप छटपटाते हुए एम्बुलेंस के इंतजार में निरंजन ने दम तोड़ दिया। 

गंजाम जिले में बदहाल हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कभी आक्सीजन की कमी तथा कभी एम्बुलेंस ना आने से मरीज की मौत हो रही है। इस संदर्भ में बार-बार आरोप सामने आने के बावजूद प्रशासन की नींद नहीं टूट रही है। जिले में स्वास्थ्य सेवा ठीक होने की बात कहकर प्रशासन वाहवाही लूट रही है मगर चित्र कुछ और बयां कर रहा है। 

दो दिन पहले ही एक जन प्रतिनिधि ने जिले में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया था। इसके बाद और एक घटना में एम्बुलेंस के ना आने से एक व्यक्ति की जान चली गई। जिला प्रशासन ने इस तरह के आरोप का खंडन किया है, मगर लोगों की इस सच्चाई ने चिंता बढ़ा दी है। पिछले दिनों डीएमइटी निदेशक सीवीके महांतिन एमकेसीजी का दौरा कर कहा था कि यहां आक्सीजन की कमी नहीं है। हालांकि जिले में किस प्रकार से स्वास्थ्य व्यवस्था है, इसका अंदाजा इसी घटना से लगाया जा सकता है।

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